आखिर क्योँ प्रधानमंत्री की पत्नी को आरटीआई द्वारा मांगी सूचना देने से इनकार किया ?



भारत के वर्तमान प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की पत्नी श्रीमती जशोदाबेन ने आरटीआई के माध्यम से अपनी सुरक्षा कवर के बारे में मेहसाणा पुलिस के समक्ष 24 नवंबर को एक जानकारी मांगी थी जिसे मेहसाणा पुलिस ने यह कहते हुए देने से इनकार कर दिया कि मांगी गई सूचना स्थानीय खुफिया ब्यूरो (एलआईबी) से संबंधित है, जो आरटीआई के दायरे में नहीं आता है।

स्मरणीय है कि जशोदाबेन सरकारी सुरक्षा से परेशान हैं और वह अपने अधिकारों के बारे में जानना चाहती थीं | इसी बाबत पिछले महीने उन्होंने गुजरात के मेहसाणा ज़िले के पुलिस अधीक्षक से आरटीआई के तहत जानकारी मांगी थी |

मेहसाणा जिले के पुलिस अधीक्षक जेआर मोथालिया के अनुसार ‘‘श्रीमती जशोदाबेन द्वारा मांगी गई सूचना स्थानीय खुफिया ब्यूरो से संबंधित है, अतः यह जानकारी जसोदाबेन को नहीं दी जा सकी और हमने इस घटनाक्रम के बारे में लिखित पत्र उन्हें भेज दिया है।’’ उनको दिए गए लिखित जवाब में यही बात कही गई है।

जन सूचना अधिकारी और मेहसाणा के पुलिस उपअधीक्षक भक्ति ठाकर द्वारा श्रीमती जसोदाबेन को लिखे गए पत्र में कहा गया है, ‘‘श्रीमती जशोदाबेन द्वारा मांगी गई सूचना एलआईबी से संबंधित है और गुजरात के गृह विभाग के एक प्रस्ताव के मुताबिक, एलआईबी को आरटीआई से छूट दी गई है। लिहाजा मांगी गई सूचना आपको नहीं दी जा सकती।’’

रिटायर्ड स्कूल टीचर की ज़िंदगी बसर कर रही जशोदाबेन गुजरात के ईश्वरवाड़ा गांव में अपने भाई अशोकभाई के साथ रहती हैं | जशोदाबेन ने पिछले महीने कहा था, "मुझे किस सरकारी ऑर्डर के तहत सुरक्षा दी गई है | मुझे यह प्रोटोकॉल क्यों मिला है? मुझे नियम के हिसाब से न्याय नहीं मिला है | यदि मुझे सिक्योरिटी दी गई है तो अन्य अधिकार भी मिलने चाहिए |"

जशोदाबेन ने कहा था, "मुझे सुरक्षा कवच की वजह से बहुत परेशानी होती है | मैं सरकारी बस में सफ़र करती हूँ और मेरे साथ वाले सुरक्षाकर्मी कार में घूमते हैं | वे लोग साथ में होते हैं तो डर लगता है |"

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