ईदुज्जुहा पर जानवरों की कुर्बानी को गलत बताया मिस्र की एक जानीमानी पत्रकार ने |

ईद की नमाज

मिस्र की जानी मानी पत्रकार और कवयित्री फ़ातिमा नाउत ने एक अनूठा साहसिक कार्य किया है | उन्होंने ईद-उल-जुहा के अवसर पर जानवरों की क़ुर्बानी की परंपरा को इंसान के हाथों अब तक का सबसे बड़ा संहार बताया है | फ़ातिमा का कहना था कि भेड़ की कुर्बानी केवल इसलिए प्रारम्भ हुई क्योंकि क़ुरान और बाइबिल में दिए गए अब्राहम और इस्हाक़ की कहानी के अनुसार एक पिता ने अपने बेटे के विषय में बुरा सपना देख लिया था |

यद्यपि इस आलोचना के लिए उन पर मुक़दमा चलाया जाएगा | आरोप है कि उन्होंने भेड़ की क़ुर्बानी की आलोचना कर इस्लाम धर्म का अनादर किया है | स्मरणीय है कि मिस्र में इस्लाम का अनादर करना एक अपराध है और इसके लिए पांच साल कैद की सजा हो सकती है |

दूसरी ओर फ़ातिमा ने अपने फ़ेसबुक पेज पर इस संदर्भ में की गई टिप्पणी की बात स्वीकार की है लेकिन साथ साथ अपने इस अभिमत को इस्लाम का अपमान नहीं माना है  | सोशल मीडिया पर फातिमा को व्यापक समर्थन प्राप्त हो रहा है | 

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