अमिताभ बच्चन जी का नजरिया राजनीति पर
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मेगा
स्टार अमिताभ बच्चन का कहना है कि राजनीति में जाना उनकी गलती थी और भविष्य में वे
कभी पुनः इसे कभी नहीं दोहरायेंगे |
72
वर्षीय अमिताभ जी ने 1984 में इलाहावाद से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीता था, किन्तु
3 वर्ष बाद ही अपना पद छोड़ दिया था |
उनका
मानना हैकि भावनाओं में बहकर वे राजनीति में गए, किन्तु जल्द ही समझ में आ गया कि
राजनीति के वास्तविक जगत में भावनाएं गौण हैं | इसके बाद उन्होंने तुरंत कदम वापस
ले लिए |
श्री अमिताभ
बच्चन ने अपने पिता द्वारा लिखित मधुशाला का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके पिता
स्व. हरिबंशराय बच्चन टीटोटलर थे किन्तु उन्होंने अपनी रचनाएँ शराब और शराबियों पर
लिखीं |
इस
चर्चा को पढ़ते पढ़ते मुझे भी ध्यान आया पूर्व में पढ़ा हुआ एक प्रसंग | एक बार
हरिबंशराय जी से जब यही सवाल किया गया कि आपने तो कभी शराब पी नहीं, फिर मधुशाला
जैसी रचना कैसे लिख पाए ? तब उनका जबाब था –
मैं
कायस्थ कुलोद्भव मेरे पुरखों ने इतना ढाला,
मेरे
तन के लोहू में है पिचहत्तर प्रतिशत हाला |
मेरे
पुरखे इतना पी चुके कि अब मेरे शरीर का लोहू बिना पिए ही मुझे मतवाला बनाए रखता है
:)
Tags :
फिल्मी दुनिया
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