स्वास्थ्य को भी शिक्षा के समान मौलिक अधिकार बनाने का प्रस्ताव |



स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने स्वास्थ्य को भी शिक्षा के समान मौलिक अधिकार बनाने का सुझाव दिया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2015 के प्रस्तावित मसौदे में स्वास्थ्य सेवा में हीलाहवाली को अपराध बनाने का भी सुझाव है ।

"कई औद्योगिक देशों में पूर्व से ही ऐसे कानून बने हुए हैं । ब्राजील और थाईलैंड जैसे देशों ने सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है, उसका प्रमुख कारण इस प्रकार के कानून है । दृढ संकल्प के साथ भारत में यह क़ानून बनाने से स्वास्थ्य प्रणालियों में उल्लेखनीय सुधार संभव है | नवजात बच्चों तथा मातृ मृत्युदर घटाने तथा निशुल्क दवा उपलब्ध कराने के इस प्रस्ताव के व्यापक लाभ संभव हैं | सरकार ने यह मसौदा स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट ww.mohfw.nic.in पर उपलब्ध कराते हुए लोगों से 28 फरवरी तक सुझाव मांगे हैं।

प्रस्ताव के मुताबिक, सरकार अपना ध्यान केवल बीमारियों के बचाव और इलाज पर लगाना चाहती है, अस्पतालों की अन्य सुविधाएं आउटसोर्सिंग कर दी जाएंगी। इनमें कैटरिंग, लॉउंड्री, एंबुलेंस जैसी सेवाएं शामिल हैं। 

इस योजना के बड़े हिस्से की फंडिंग टैक्स के जरिये होगी। इसके मुताबिक, यह प्लान आर्थिक तौर पर कमजोर तबके के लिए लागू होगा। ग्रामीण इलाकों में गरीबी रेखा के लिए प्रति व्यक्ति मासिक खर्च 1,640 रुपये और शहरी इलाकों में यह खर्च 2,500 रुपये तय किया गया है। मसौदा में अगले कुछ साल में हेल्थ पर सरकारी खर्च बढ़ाकर जीडीपी का कम से कम 2.5 फीसदी तक करने की जरूरत बताई गई है।

स्वास्थ्य को मौलिक अधिकार बनाने का प्रस्तावित राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2015 मसौदा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य अधिकार अधिनियम विधेयक (National Health Rights Act) केंद्र तथा तीन या तीन से अधिक राज्यों के अनुमोदन उपरांत अस्तित्व में आयेगा ।

राज्य स्वेच्छा से अपनी विधान सभा में एक संकल्प पारित कर इसे लागू कर सकते हैं । मसौदे में इसे मान्य किया गया है कि विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दिए गए इस सुझाव से 4-5 प्रतिशत व्यय भार बढेगा |

प्रस्ताव के महत्वपूर्ण अंश -

- सरकारी अस्पतालों की छवि बदलकर मुफ्त की बजाय बेहतर सेवा देने वाले प्री-पेड सेंटर के रूप में बनाना
- सभी तरह की प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं और बीमारियों का इलाज सभी को एक समान रूप से मुफ्त उपलब्ध कराना
- राज्यों की स्वास्थ्य योजनाओं को एक बैनर तले लाना
- हेल्थ सेक्टर में निजी क्षेत्र का निवेश और मेडिकलकर्मियों की संख्या बढ़ाना
- बीमारियों से बचाव की जागरूकता, टीकाकरण पर जोर
- योग और वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावाCentre moots health as a fundamental right

एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें