मेरा भारत महान - चुनिन्दा कवियों की चुनिन्दा कवितायें


वैसे तो एक आँसू ही बहा के मुझे ले जाए

ऐसे कोई तूफ़ान हिला भी नहीं सकता. - वसीम बरेलवी


काम करते नहीं बच्चे भी बिना रिश्वत के।

अपना घर लगने लगा अब तो कचहरी हमको।।

हमने पढ़-लिखके फ़कत इतना हुनर सीखा है।

अपनी माँ भी नज़र आने लगी महरी हमको।। -स्व. शंखधर उर्मिलेश


जीवन के क्रम में जो खोया है, पाना है

पत्थर में प्राण फूँक, सेतु फिर बनाना है

जीवन का राजसूय यज्ञ फिर कराना है

पतझर का मतलब है, फिर बसंत आना है - कुमार विश्वास


रोज़ जो चेहरे बदलते है लिबासों की तरह

अब जनाज़ा ज़ोर से उनका निकलना चाहिए

छीनता हो जब तुम्हारा हक़ कोई 

उस वक़्त तोआँख से आँसू नहीं शोला निकलना चाहिए - गोपालदास नीरज


सुना है वह दधीचि का त्याग, हमारी जातीयता विकास

पुरंदर ने पवि से है लिखा, अस्थि-युग का मेरा इतिहास

हमारे संचय में था दान, अतिथि थे सदा हमारे देव

वचन में सत्य, हृदय में तेज, प्रतिज्ञा मे रहती थी टेव

जियें तो सदा इसी के लिए, यही अभिमान रहे यह हर्ष

निछावर कर दें हम सर्वस्व, हमारा प्यारा भारतवर्ष - जयशंकर प्रसाद


खाली सब मैदान पड़ा है

आफत का शैतान खड़ा है

ताकत ऐसे ही मत खोओ;

चलो भाई-चारे को बोओ! - भवानी प्रसाद मिश्र


राम मिलेंगे मर्यादा से जीने में
राम मिलेंगे बजरंगी के सीने में
राम मिले हैं वचनबद्ध वनवासों में
राम मिले हैं केवट के विश्वासों में
राम मिले अनुसुइया की मानवता को
राम मिले सीता जैसी पावनता को

मै भी इक सौंगंध राम की खाता हूँ
मै भी गंगाजल की कसम उठाता हूँ
मेरी भारत माँ मुझको वरदान है
मेरी पूजा है मेरा अरमान है
मेरा पूरा भारत धर्म-स्थान है
मेरा राम तो मेरा हिंदुस्तान है - हरिओम पंवार
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