फिनाइल की विदाई, गौमूत्र से निर्मित गौनाईल से होगी सफाई |


नई दिल्ली के सरकारी कार्यालयों को जल्द ही सफाई के लिए उपयोग होने वाले फिनाइल की बदबू से निजात मिल जायेगी | उस के स्थान पर जल्द ही गौमूत्र से निर्मित Gaunyle का उपयोग प्रारम्भ हो जाएगा | इसे नीम और देवदार की खुशबू के साथ निर्मित किया गया है ।

नवभारत टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, यह विचार सबसे पहले महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने सबके सम्मुख रखा | उनके अनुसार रसायनों का दैनिक जीवन में प्रयोग जोखिम भरा है, जबकि गौमूत्र के उपयोग से लाभ ही लाभ है | इसका उत्पादन उत्तरप्रदेश के मथुरा जिले में स्थित होली काऊ फाऊँडेशन द्वारा किया जा रहा है | फाऊँडेशन की प्रमुख अनुराधा मोदी के अनुसार नीम और गौमूत्र का प्रयोग जहां एक ओर देश के गौधन को बचाएगा जो एक प्रकार से देश की भी सेवा है | 

आईआईटी-दिल्ली के प्रोफेसर वीरेन्द्र कुमार विजय ने उक्त विचार का स्वागत करते हुए कहा कि हो सकता है कि यह उत्पाद फिनाइल जितना प्रभावी न हो, किन्तु इसमें हानिकारक साइड इफेक्ट बिलकुल नहीं होंगे | अतः यह जैविक उत्पाद अधिक बेहतर है।

केन्द्रीय भंडार के अधिकारियों का अनुमान है कि राष्ट्रीय राजधानी में केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों की सफाई में हर महीने लगभग 20 लाख रुपये से अधिक खर्च किया जाता है। जैविक विकल्प Gaunyle के प्रयोग से निश्चित रूप से खर्च में कमी आयेगी ।

सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी संगठनों द्वारा कानून बनाकर गौवध रोकने की मांग लम्बे समय से की जाती रही है | गाय को एक पवित्र पशु घोषित करने की मांग भी की जाती रही है। पिछले महीने संसद में भी एक भाजपा सांसद ने नीम के साथ गौमूत्र मिलाकर कीटनाशक बनाने का सुझाव दिया था ।

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