तीन साल तक की अवधि का एफडी करवाने पर मिल सकती है टैक्स छूट की सौगात !


सरकार द्वारा २८ फरवरी को पेश किये जानेवाले बजट के दौरान आम बजट में तीन साल से ज्यादा के फिक्स्ड डिपॉजिट पर टैक्स की छूट देने की घोषणा की जा सकती है ! केंद्र सरकार फिक्स्ड डिपॉजिट करवाने वालों को टैक्स में छूट देने का मन बना रही है ! अगर ऐसा हुआ तो तीन साल तक की अवधि का एफडी करवाने पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा !

फाइनैंस मिनिस्टर अरुण जेटली के साथ प्री-बजट मीटिंग में बैंक ऐग्जिक्युटिव्स और फाइनैंशल इंस्टिट्यूशंस हेड ने अपने सुझाव में कहा था कि कम लॉक इन पीरियड से ज्यादा डिपॉजिट हासिल हो सकेगा !


इससे लोग तीन साल के लॉक इन पीरियड वाले म्यूचुअल फंड्स से हटकर इसकी तरफ आ सकते हैं ! बहुत सी म्यूचुअल फंड स्कीमों पर इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स रिबेट मिलता है लेकिन इनके टर्म्स 15 साल की मच्योरिटी वाले पब्लिक प्रविडेंट फंड की तरह एकसमान नहीं हैं ! इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम का लॉक इन 3 साल और नैशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स का लॉक इन 6 साल है ! अभी सिर्फ पांच साल लॉक इन वाले बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट ही टैक्स रिबेट लायक माना जाता है ! मौजूदा सिस्टम के हिसाब से कुछ इंस्ट्रूमेंट्स में डेढ़ लाख रुपये तक के इन्वेस्टमेंट पर टैक्स रिबेट लिया जा सकता है ! इनमें पोस्ट ऑफिस स्कीमें, पब्लिक प्रविडेंट फंड, बैंक डिपॉजिट, लाइफ इंश्योरेंस और हाउसिंग लोन पर प्रिंसिपल का भुगतान शामिल है !

जानकारों का मानना है कि अगर एफडी में टैक्स छूट की अवधि घटाकर तीन साल कर दी जाए तो यह ईएलएसएस से टक्कर ले सकती है जिसकी ओर ज्यादा से ज्यादा लोग आकर्षित होते हैं ! 

सरकार की चिंता यह है कि देश में बचत कम हो रही है, यानी लोग कम बचत कर रहे हैं ! इससे सरकार को अपने लिए धन जुटाने में परेशानी हो रही है !


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