फिर कोई जिन्ना सर उठाएगा
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टिप्पणियाँ
आज देश के विचित्र हैं हाल,
संसद में मचता महज धमाल,
हवाला के हवाले हुआ देश,
शत्रु देशों की खतरनाक चाल |
पहचानिये उन देशों को,
जो भेज रहे डॉलर भरपूर
गरीबों का धर्मं, नेताओं का कर्म
खरीद लें तो दिल्ली क्या दूर |
प्रजातंत्र के नाम पर
हो रहा तमाशा
सर्वनाश की ओर जा रहा
देश बेतहाशा |
फिर कोई जिन्ना सर उठाएगा,
डायरेक्ट एक्शन की बांग
लगायेगा |
देखते ही देखते देश का हर
भाग,
लपटों से घिर जाएगा !
वे तो हैं अवैध हथियारों
के सौदागर,
गैस के युग में लकड़ी भी
नहीं मेरे घर |
आत्मरक्षा को बन्दूक
लायसेंस की अर्जी,
महीनों से पडी है हाकिम
के दफ्तर !
वे ए के सेंतालीस
लहराएंगे,
हम आत्मा को अजर अमर
बताएँगे |
हम तो सांस ले रहे आजादी की हवा में लेकिन,
नाती पोते क्या स्वाधीन रह पायेंगे ?
रोको ये भेड़ियाधसान
कुर्सी नहीं आजादी बचाओ ,
खेत उजड़ने पे पछताओगे
क्यूँ न पहले ही होश में आओ | जात पात भेद भाव भूल कर,
देश भक्ति ज्वार उठाने का है
समय |
एक हो जुटें शत्रु को पछाड़ने
जागरुक समाज रहता सदा अभय |
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काव्य सुधा
..एक बुरा सपना
जवाब देंहटाएं...फांसी *****?कियु?
एकसुप्रीमकोर्ट के न्यायधीश को
एक कळेल लबादे ओढ़े वकील ने
गोलियोंसे भून मारा
जज बेचारे का अपरध ये था
तीस तीस कत्लों के कातिल
सैकडोब्लत्कारोकेअपराधों के
आरोपी को निचली अदालतों में जोदोषी ठहराया ज चूका था
गवाह सबूतो के आधार पे
वाइज़ज़त बरी कर मारा था
सुनने में आया था
सब गवाह भी बिक चुके थे
अपने दिए वयानों से
मुकर गए थे ५० करोड़
और ५० करोड़ के बंगले को
जज को ऑफर मिला था