अमीर कौन ? शहर या गाँव -
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अमीर पिता को बेटे के ग्रामीण दोस्तों से थी खिन्नता,
समझाना चाहता था अमीरी गरीबी की भिन्नता |
तो ले पहुंचा सुपुत्र को इक गाँव,
दिखाई अंधियारी रात तारों की छाँव |
नदी का किनारा खेतों की पुरवाई,
लौटते में व्यंग से पूछा देखी गरीबी की कठिनाई |
बेटे ने सर हिलाया, बोला बात समझ में आई,
हम पर स्वीमिंग पूल उन पर नदी की गहराई |
हम पर कुत्ता एक, उन पर चार चार,
हम जो खरीदते, वो पैदा करते भरमार |
बिजली जाने पर हम अन्धियाते,
चाँद और तारे उन्हें राह दिखाते |
हमारी सुरक्षा को है चारदीवारी,
उनके दोस्त करते रखवारी |
हम ढूँढते विश्वकोष में ज्ञान,
उन्हें गीता और रामायण पर अभिमान |
पिताजी आपका बहुत बहुत धन्यवाद,
हम कितने गरीब आपने दिलाया याद !!
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काव्य सुधा
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