सुभाष चंद्र बोस के सबसे उम्रदराज जापानी सहयोगी 99 वर्षीय सौचिरो मिसूमी ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की आलोचना की है। एक विडियो इंटरव्यू में मिसूमी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू महान नेता थे, लेकिन जापान में उन्हें पश्चिम समर्थक माना जाता है।
नेहरू और कांग्रेस के अन्य सहयोगियों ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटेन की मदद करने का फैसला किया, जबकि जापान तब जर्मनी का सहयोगी था । यह वही समय था जब नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भारत से ब्रिटिश हुकूमत को उखाड़ फेंकने के लिए जापान से मदद मांगी थी।
पिछले साल सितंबर में जापान यात्रा के दौरान मोदी ने मिसूमी पर एक डॉक्युमेंट्री बनाने की घोषणा करते हुए जापान में भारत के राजदूत दीपा वाधवा को मिसूमी के इंटरव्यू के लिए प्रफेशनल विडियो टीम की मदद लेने का आदेश दिया था। डॉक्युमेंट्री में मिसूमी ने बोस के साथ बिताए गए समय के बारे में विस्तार से बताया है। 31 दिसंबर को सरकार ने मिसूमी पर 30 मिनट की डॉक्युमेंट्री बनाने के लिए निजी फिल्ममेकर्स की तरफ से ईओआई मंगाए थे। सरकार की योजना इस डॉक्युमेंट्री को भारत के साथ विदेश में भी दिखाने की है।
जापान की यात्रा के दौरान मोदी ने जापान इंडिया असोसिएशन (जेआईए) की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में मंच से नीचे उतरकर मिसूमी का अभिवादन करते हुए उन्हें गले लगाया था। मिसूमी जेआईए के वाइस प्रेजिडेंट रह चुके हैं। इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि मोदी की तरफ से मिले सम्मान ने उन्हें बोस के साथ बिताए गए पलों की याद दिला दी।
मिसूमी ने नेहरू के साथ अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि उनका रवैया बिलकुल विपरीत था। उन्होंने कहा, 'नेहरू के साथ वह एक ठंडी मुलाकात थी। उन्होंने मेरी तरफ हाथ बढ़ाया, मानो वह मुझे हाथ मिलाने का आदेश दे रहे थे।
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
एक टिप्पणी भेजें