पद्म पुरष्कार का क्या अचार डालेंगे बाबा रामदेव ?


पद्म पुरस्कारों की सूची में शामिल होने की अटकलों के बीच योग गुरु बाबा रामदेव ने स्पष्टतः पुरस्कार के प्रति अनिच्छा जाहिर की है | उन्होंने बयान दिया है कि 'मैं संन्यासी हूं और संन्यासी को किसी पुरस्कार की आवश्यकता नहीं होती है। मैं चाहता हूं कि भारत सरकार मेरी जगह यह पुरस्कार देश का गौरव बढ़ाने वाले किसी अन्य व्यक्ति को देकर मुझे अनुग्रहित करें।
अभी कुछ दिन पूर्व ही बाबा रामदेव का एक और सनसनीखेज बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने यह कहा था कि यदि मैं काले धन के विषय में अधिक बोलूंगा तो मेरी भी हालत अन्ना जी जैसी हो जायेगी | लम्बे समय की चुप्पी के बाद आये इन दोनों बयानों से राजनैतिक हलकों में अनेक सवाल उठने लगे हैं | 
गौरतलब है कि आम चुनाव 2014 के दौरान स्वामी रामदेव ने अपने भाषणों और बयानों के द्वारा कालेधन के खिलाफ मुहिम छेड़कर तत्कालीन सरकार पर खूब तीर चलाए थे। किन्तु वर्तमान सरकार द्वारा उस दिशा में कोई स्पष्ट समाधान के अभाव के बाद भी बाबा की चुप्पी को लेकर उनका पर्याप्त मजाक बनता रहा है | 
इसके साथ ही बाबा रामदेव के फैलते कारोबार को देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि इस वित्तीय वर्ष में दुनिया को योग सिखाने वाले बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद का सालाना टर्नओवर 2000 करोड़ तक पहुंच जाएगा | फुंसी के लिए फेश वॉश, डिटर्जेंट से लेकर टूथ ब्रश तक, साबुन से लेकर सरसों के तेल तक और आटे से लेकर आंवले के मुरब्बे तक | सबकुछ का कारोबार कर रहे हैं बाबा रामदेव. शायद ही कुछ ऐसा हो जो बाबा रामेदव की पतंजलि आयुर्वेद कंपनी ना बनाती हो | बेचारे पद्म पुरष्कार का क्या अचार डालेंगे ? काले धन के मुद्दे पर भी चुप्पी ही बेहतर है | आखिर पुरानी कहावत है – जो ऊँट पर बैठेगा वो मलकेगा ही | 


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