जानिए आज के चर्चित व्यक्तित्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को

Newly Elected Indian Vice President Mohammad Hamid Ansari speaks to the media in New Delhi, India, Friday, Aug. 10, 2007. India's ruling United progressive Alliance and Left candidate Ansari was declared elected the country's 13th Vice President Friday, according to a news agency(ddp images/AP Photo/Mustafa Quraishi).

हामिद अंसारी का जन्म कलकत्ता में एक अप्रैल, 1937 को हुआ था लेकिन उनका परिवार उत्तर प्रदेश में ग़ाज़ीपुर का रहने वाला है | अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा पाने के बाद हामिद अंसारी 1961 में भारतीय विदेश सेवा में चयनित हुए.
धारित पद:
  • §  1961 में भारतीय विदेश सेवा (आई एफ एस) में कार्यभार संभाला और बगदाद,रबात, जेद्दा और ब्रुसेल्‍स में भारतीय दूतावासों में कार्य किया।
  • §  संयुक्‍त अरब अमीरात के राजदूत (1976-1979)
  • §  भारत सरकार के प्रोटोकॉल प्रमुख (1980-1985)
  • §  ऑस्‍ट्रेलिया के उच्‍च आयुक्‍त (1985-1989)
  • §  अफगानिस्‍तान के राजदूत (1989-1990)
  • §  इरान के राजदूत (1990-1992)
  • §  संयुक्‍त राष्‍ट्र, न्‍यू यॉर्क के स्‍थायी प्रतिनिधि (1993-1995)
  • §  सउदी अरब के राजदूत (1995-1999)
  • §  अतिथि प्रोफेसर, सेंटर फॉर वेस्‍ट एशियन एण्‍ड अफ्रीकन स्‍टडीज़, जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय, नई दिल्‍ली (दिसम्‍बर 1999-मई 2000)
  • §  उप कुलपति, अलीगढ़ मुस्लिम विश्‍वविद्यालय, अलीगढ़ (2000-2002)
  • §  आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन, नई दिल्‍ली में प्रतिष्ठित अध्‍येता (2002-2006)
  • §  अतिथि प्रोफेसर, अकादमी फॉर थर्ड वर्ल्‍ड स्‍टडीज़, जामिया मिलिया इस्‍लामिया, नई दिल्‍ली (2003-2005)
  • §  सह सभापति, भारत-ब्रिटेन गोलमेज (2004-2006)
  • §  सदस्‍य, राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मंडल (2004-2006)
  • §  अध्‍यक्ष, तेल कूटनीति सलाहकार समिति, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (2004-2005)
  • §  अध्‍यक्ष, श्रीनगर में 24-25 मई 2006 को आयोजित प्रधानमंत्री की द्वितीय गोल मेज सम्‍मेलन द्वारा स्‍थापित 'राज्‍य में समाज के विभिन्‍न वर्गों में आत्‍मविश्‍वास निर्माण के साधन' पर कार्यकारी समूह; कार्यकारी समूह के प्रति‍वेदन को नई दिल्‍ली में 24 अप्रैल 2007 को आयोजित तीसरे गोल मेज सम्‍मेलन में अपनाया गया।
  • §  अध्‍यक्ष, अल्‍पसंख्‍यकों के लिए पांचवां संवैधानिक राष्‍ट्रीय आयोग (मार्च 2006-जुलाई 2007)
  • §  11 अगस्‍त 2007 से भारत के उप राष्‍ट्रपति और राज्‍य सभा के पदेन अध्‍यक्ष।
  • §  इसके अलावा हामिद अंसारी ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष और उससे पहले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति का पद भी संभाला.
  • §  हामिद अंसारी को 1984 में पदमश्री से सम्मानित किया गया था.
  • §  प्रकाशित पुस्‍तकें: संपादित, इरान टुडे: ट्वेन्‍टी फाइव इयर्स आफ्टर द इस्‍लामिक रिवोल्‍युशन, नई दिल्‍ली, 2005 ; पश्चिम एशियाई राजनीति पर अनेक शैक्षिक शोध पत्र और समाचार पत्रों में लेख लिखे हैं।

§  राजनीतिक सफर
हामिद अंसारी वर्ष 2007 में भारत के 12वें उपराष्ट्रपति चुने गए थे | वे यूपीए और वामपंथी पार्टियों के साझा उम्मीदवार थे | उनके ख़िलाफ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की तरफ से नजमा हेपतुल्ला और संयुक्त राष्ट्रीय प्रगतिशील गठबंधन(यूएनपीए) की तरफ से रशीद मसूद उम्मीदवार थे | उपराष्ट्रपति के चुनाव में अंसारी को 455 और हेपतुल्लाह को 222 मत मिले जबकि तीसरे नंबर पर आने वाले रशीद मसूद को 75 मतों पर ही संतोष करना पड़ा था.
7 अगस्त 2012 को हामिद अंसारी को दोबारा इस पद के लिए दोबारा चुन लिया गया। सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बाद अंसारी इस पद पर दोबारा निर्वाचित होने वाले दूसरे उपराष्ट्रपति हैं। संसद के दोनों सदनों- लोकसभा और राज्यसभा के 740 सदस्यों ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मंगलवार को हुए मतदान में अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के उम्मीदवार अंसारी के खिलाफ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार जसवंत सिंह मैदान में थे।
यूपीए में शामिल तृणमूल कांग्रेस के नेता पहले हामिद अंसारी के नाम का विरोध कर रहे थे. तृणमूल कांग्रेस के नेता और रेल मंत्री मुकुल रॉय ने इस पद के लिए पूर्व गवर्नर गोपालकृष्ण गांधी के नाम का प्रस्ताव रखा था. यूपीए के घटक तमिलनाडु के वीसीके ने इस पद पर किसी ईसाई समुदाय के उम्मीदवार को चुनने का प्रस्ताव रखा. बैठक में न तो सोनिया गांधी ने न ही प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इन प्रस्तावों पर कोई प्रतिक्रिया दी. इसके बाद सोनिया गांधी ने हामिद अंसारी के नाम का एलान कर दिया जिसका यूपीए में शामिल सभी दलों ने समर्थन किया.
हालांकि हामिद अंसारी का नाम बीच में राष्ट्रपति पद के लिए भी चला था. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जब तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी से बात की थी, तो प्रणब मुखर्जी के अलावा अपने दूसरे उम्मीदवार के रूप में हामिद अंसारी का नाम सामने रखा था | लेकिन ममता बैनर्जी को लगा कि अगर उन्होंने प्रणव मुखर्जी के नाम का विरोध किया तो बंगाल के भद्र जनों में उनकी भद्द पिट जायेगी | ममता के इस भय ने प्रणव दा का राष्ट्रपति बनने का रास्ता साफ़ कर दिया और भारत को हामिद अंसारी जैसे सेक्यूलर महामना के नेतृत्व से हाथ धोना पड़ गया |

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