अमरीकी नेतृत्व में इराक में मोसुल के पास इस्लामिक स्टेट पर हुए हवाई हमले में एक रासायनिक हथियार विशेषज्ञ अबू मलिक भी मारा गया है | अमेरिकी सैन्य अधिकारियों के अनुसार अबू मलिक आतंकवादी समूहों को रासायनिक हथियारों की प्रयोग क्षमता बढाने का प्रशिक्षण देता था |
अबू मलिक सद्दाम हुसैन के शासन काल में रासायनिक हथियारों के एक उत्पादन संयंत्र में काम करता था तथा 2005 से इराक में अल-कायदा के साथ संबद्ध हो गया था। उसकी मौत से फिलहाल आतंकी नेटवर्क कमजोर हुआ है तथा उसकी निर्दोष लोगों के खिलाफ रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करने की मारक क्षमता प्रभावित हुई है |
हालांकि अभी तक इस बात के कोई प्रमाण नहीं हैं कि आईएस (इस्लामिक स्टेट) के पास कोई बड़ा रासायनिक हथियार शस्त्रागार है । लेकिन बताया जाता है कि जिहादी समूह क्लोरीन गैस का प्रयोग करते रहे हैं ।
अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 8 अगस्त के बाद सीरिया और इराक में आईएस के खिलाफ 2000 से अधिक हवाई हमले व बम विस्फोट किये हैं जिसमें अनेक प्रमुख आतंकवादी मारे गए हैं ।
उधर, निवर्तमान रक्षा मंत्री चक हगेल ने शुक्रवार को एक साक्षात्कार में कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका को ईराक में खुफिया तंत्र के माध्यम से आईएस टारगेट का पता करने जैसे गैर युद्धक भूमिका के लिए भी सैनिक भेजने पड सकते हैं | तभी आई एस को पीछे धकेला जा सकता है।
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