26 जनवरी को वीरता पुरष्कार - अगले दिन शहीद


26 जनवरी को भारतीय सेना के कर्नल मुनीन्द्र नाथ राय को कश्मीर में उत्कृष्ट सेवा के लिए वीरता पदक से सम्मानित किया गया | पुरष्कृत होने के अगले ही दिन जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में वे शहीद हो गए | 42 वीं राष्ट्रीय राईफल्स के कोमान्डिंग आफीसर (सी ओ) कर्नल राय दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के एक गांव में संदिग्ध अलगाववादी आतंकियों के खिलाफ ट्राल शहर के नजदीक हन्डूरा जंगल में सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस के एक साझा अभियान का नेतृत्व कर रहे थे । यह अभियान आतंकवादियों की धरपकड़ के लिए चलाया जा रहा था | सेना को सूचना मिली थी कि जंगल में बड़े पैमाने पर आतंकी छुपे हुए हैं | पुलिस अधीक्षक ताहिर सलीम के अनुसार इस मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी और हिजबूल मुजाहिदीन के दो आतंकवादी भी मारे गए । आतंकियों की पहचान फिरदौस अहमद और शिराज अहमद के रूप में हुई है | 

1989 से प्रारम्भ हुए उग्रवाद का सामना करने के लिए हजारों सैनिकों की नियुक्ति की गई है | यद्यपि पिछले कुछ वर्षों में उग्रवाद पर कुछ लगाम लगी है, किन्तु अफगानिस्तान से विदेशी बलों की वापसी के बाद पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी समूह अब दोबारा कश्मीर का रुख कर सकते हैं | यह परिस्थिति भारत के लिए निश्चय ही चिंताजनक है | केवल इस माह में ही अब तक दस आतंकवादी मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं | 

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में सुहवल क्षेत्र के डेढ़गांवा गांव के मूल निवासी 39 वर्षीय कर्नल मुनींद्र नाथ राय (एमएन राय) का परिवार गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति पदक मिलने की खुशियां मना रहा था। लोग बार-बार मुनींद्र की बहादुरी के चर्चे में मशगूल थे, इसी बीच उनके आतंकी हमले में शहीद होने की खबर पहुंची। वृद्ध पिता नागेन्द्र राय तो जैसे बेसुध हो गए। मां और अन्य लोगों की हालत भी कुछ इसी तरह की हो गई। धीरे-धीरे पूरे गांव में मुनींद्र के शहीद होने की खबर पहुंची और लोग उनके घर पर जुट गए। गांव के लोगों की जुबान पर सिर्फ मुनींद्र की बहादुरी के चर्चे थे। हर कोई उनके शहीद होने से मर्माहत दिखा। 

प्रिंसिपल के पद से रिटायर हुए नागेन्द्र राय के तीनों बेटे डीएन राय, वाईएन राय और एमएन राय देश की सेवा करने के लिए सेना में भर्ती हो गए। आतंकी घटना में शहीद हुए मुनीन्द्र अगले हफ्ते रामायण के लिए परिवार समेत घर आने वाले थे। हर साल धूमधाम से रामायण और अन्य कार्यक्रम होता है। ग्रामीणों के अनुसार गांव में रामायण का प्रतिवर्ष बड़ा आयोजन किया जाता है। सेना में कार्यरत तीनों भाई भी परिवार के साथ रामायण के कार्यक्रम में शामिल होते रहे हैं। पूरे गांव में भंडारा किया जाता था। उसमें सभी लोग खुशी खुशी शामिल होते थे। 

मां की तबियत खराब होने पर मुनीन्द्र दो माह पहले यहां आए थे। बीमार होने के चलते मां से कहा कि यहां अच्छे डाक्टर नहीं है, तुमको दिल्ली ले चल रहे है, वहीं तुम्हारा अच्छे से इलाज करवाएंगे। इसके बाद मुनीन्द्र मां शिवदुलारी को अपने साथ लेकर दिल्ली चले गए थे। एक माह तक दिल्ली में इलाज कराने के बाद जब वह ठीक हो गईं तो उनकी पत्नी प्रियंका एक माह पहले अपनी सास शिवदुलारी को लेकर चंदन नगर स्थित घर आई थी।

कर्नल राय का दो माह पूर्व लिखा गया व्हाट्स एप सन्देश उनके जीवट को दर्शाता है - 
"Play your role in life with such passion, that even after the curtains come down, the applause doesn't stop."
जीवन में अपनी भूमिका ऐसे निर्वाह करो, कि जब पर्दा गिरे तो प्रशंसा न थमे |
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