उन्नाव पुलिस स्टेशन में मिले 100 मानव कंकाल



उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से महज 100 कि.मी. दूर स्थित उन्नाव एक बार फिर चर्चा में है | अभी कुछ दिन पूर्व ही उन्नाव के नजदीक गंगा में तैरती 100 से अधिक लाशों का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि यहाँ के पुलिस स्टेशन में लगभग 100 मानव कंकाल मिलने से हडकंप मच गया | ये कंकाल कोतवाली के भीतरी कमरे में थैलों में भरकर रखे गए थे |

बात जब उन्नाव की निकली है तो मुझे 1990 का एक प्रसंग ध्यान आ गया | कार सेवा का आव्हान हुआ जिसमें शिवपुरी से भी सेंकडों स्वयंसेवक रवाना हुए ! शिवपुरी झांसी मार्ग पर उत्तर प्रदेश की मुलायम सिंह सरकार ने पुल पुलिया तोड़ दिए थे ताकि कोई अयोध्या तो दूर उत्तर प्रदेश में भी ना पहुँच सके ! कारसेवक जब झांसी की ओर पैदल रवाना हुए, उनमें से अनेकों गिरफ्तार कर लिये गए ! झांसी की लक्ष्मी व्यायामशाला को अस्थाई जेल बनाया गया ! जहाँ इन लोगो ने अपनी आँखों के सामने पुलिस गोली चालन में हताहत होते कारसेवको को देखा जो एक दुखद अनुभव था ! 

श्री विमलेश गोयल के नेतृत्व में पुलिस को चकमा दे अनेकों कारसेवक अयोध्या के मार्ग पर आगे निकलने में सफल हुए, किन्तु अंततः वे भी गिरफ्तार कर उन्नाव जेल भेज दिए गए ! इस जेल में प्रशासन की शह पर मुस्लिम कैदियों ने लोहे की छड़ों वा पलटो इत्यादि से इनपर हमला कर दिया ! श्री विमलेश गोयल को तो इतना पीटा गया कि वे बेहोश हो गए वा आक्रमण कारी उन्हें मृत समझकर छोड़ गए ! सात दिन बाद अस्पताल में श्री गोयल को होश आया !

तो यह उन्नाव में मानव कंकाल का मामला जरा गंभीर ही प्रतीत होता है | देखते हैं कि लीपापोती होती है अथवा कुछ प्रगट होता है | हालांकि गृहमंत्री राजनाथ सिंह जी ने भी मामले की रिपोर्ट मंगाई है |

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