सामने आ गया नकाब पहनकर सिर कलम करने वाला ISIS के कसाई 'जेहादी जॉन' का चेहरा

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बेगुनाहों का सिर कलम कर पूरी दुनिया में आतंक का जलजला फैलाने वाले खतरनाक आतंकी संगठन आईएसआईएस का आतंकवादी 'जेहादी जॉन' की अबतक पूरी दुनिया के लिए एक पहेली बना हुआ है। अमेरिका समेत तमाम यूरोपीय देशों की फौजों ने उसकी तलाश में जमीन आसमान एक कर दिया फिर भी उसकी परछाई तक नहीं पहुंच सके। मगर पहली बार काले नकाब के पीछे छिपे चेहरे से पर्दा हटा है।

जी हां पहली बार 'जेहादी जॉन' का असली चेहरा और पहचान सामने आया है। जेहादी जॉन का असली नाम मोहम्मद एमवाजी है। वह ब्रिटेन में कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की पढ़ाई करने वाला 26 साल का युवक है। पिछले साल अगस्त में अमरीकी नागरिक जेम्स फोले की हत्या करके सुर्खियों में छाये जेहादी जॉन के बार में पहले से भी कहा जाता रहा है कि वह ब्रिटिश अंग्रेजी बोलता है। उसके असली नाम का पहली बार खुलासा वाशिंगटन पोस्ट ने किया।

जेहादी जॉन जब छह साल का था तब उसका परिवार कुवैत से ब्रिटेन में जा बसा था। उसके पिता एक मिनीकैब ड्राइवर थे और ब्रिटेन में भी यही काम करते थे। एमवाजी ने वहां स्कूल में दाखिला लिया और दूसरे बच्चों की तरह अपनी पढ़ाई शुरू की। मवाजी पढ़ने में तो बहुत तेज़ नहीं था, लेकिन उन दिनों उसे फुटबॉल का बड़ा शौक था और बड़ा होकर वो एक स्ट्राइकर बन चाहता था।

कैसे बना मोस्‍टवांटेड ?

1999 में जैसे ही वो हाई स्कूल में पहुंचा, धर्म को लेकर उसका नजरिया बदलने लगा। उसके बाद उसने यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टमिनिस्टर से कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की पढ़ाई शुरू की। इसी दौरान वो कुछ मौलानाओं में संपर्क में आया और लगातार कट्टर होता गया। बताया जाता है कि 2009 में वो अपने दोस्तों के साथ वाइल्ड लाइफ सफारी के लिए तंजानिया के लिए निकला था, लेकिन उसे जबरन नीदरलैंड भेज दिया गया। तभी ब्रिटिश एजेंसियों ने सोमालियाई आतंकवादी गुट अल-शबाब से उसकी नजदीकियों के चलते उससे कड़ी पूछताछ की। इसके बाद जब वो ब्रिटेन लौटा तो, उस पर पुलिस की सख्ती बढ़ चुकी थी। घर में अक्सर पुलिसवाले पूछताछ के लिए आने लगे थे। और तो और इन्हीं वजहों से उसकी शादी भी टूट गई। इसके बाद उसने फिर से कुवैत लौटने की कोशिश की, लेकिन उसे एयरपोर्ट पर ही रोक लिया गया। बाद में उसने अपना नाम बदल कर मोहम्मद अल अयान रख लिया और फिर से कुवैत जाने की कोशिश की, मगर फिर से पकड़ लिया गया। हालांकि इसके कुछ दिनों बाद वो ब्रिटेन से रहस्यमयी तरीके से गायब हो गया। बाद में कुछ ब्रिटिश ट्रेनीज के साथ उसकी मुलाकात सीरिया में हुई। तब तक वो पूरी तरह बदल चुका था। उसे अबु मुहारिब अल यमेनी का नया जेहादी नाम मिल चुका था।

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