तस्करी और बाल विवाह से लड़कियों को बचाएगा "जी पॉवर" एप्प

पिछले दो दशकों से पश्चिम बंगाल में बाल विवाह और लड़कियों की तस्करी के मामलों के चौकाने वाले आकडे सामने आते रहे है । तस्करी और बाल विवाह जैसे घ्रणित अपराध की रोकथाम हेतु जीपॉवर एप पश्चिम बंगाल के कुछ गांवों में उम्मीद की एक नयी किरण के रूप में सामने आ रहा है। 

दक्षिणी 24 परगना और मुर्शिदाबाद जिलों में लड़कियों के मध्य शैक्षिक कार्यक्रमों की स्थिति पर एक सर्वेक्षण के बाद पिछले साल एक्सेंचर और एनजीओ सीनी (चाइल्ड इन नीड इंस्टीटयूट) के संयुक्त उपक्रम के रूप में जीपॉवर लांच किया गया था।

सीनी की सहायक निदेशक इंद्राणी भटटाचार्य के अनुसार , 2013 के अंत में हमने दक्षिणी 24 परगना और मुर्शिदाबाद जिलों में लड़कियों के बीच शिक्षा कार्यक्रमों की स्थिति पर सर्वेक्षण कराने का फैसला किया। उस समय हमें पता चला कि 10 से 19 साल की उम्र के बीच की लड़कियों के लिए हालात बेहद संवेदनशील हैं। इस एप के निर्माताओं का दावा है कि इस एप ने करीब 20 गांवों में 200 से अधिक लड़कियों को तस्करी या बाल विवाह से बचाने में मदद की है।

उन्होंने कहा, इस परियोजना को बड़ी सफलता मिली है। यह धन की कमी की वजह से फिलहाल 20 गांवों तक ही सीमित है। हमारा उददेश्य अगले तीन साल में दक्षिणी 24 परगना और मुर्शिदाबाद जिलों के 100 गांवों में 7,000 लड़कियों तक पहुंचने का है। उन्होंने कहा, लड़कियों की शिक्षा या तो बीच में रूक गई थी या वे तस्करी की शिकार हो गईं। उनमें से कुछ का पता लगा लिया गया लेकिन हमें ऐसे सॉफ्टवेयर की आवश्यकता महसूस हुई जो तस्करी, बाल विवाह को रोकने में मदद कर सके और इन लड़कियों की स्थिति पर नियमित नजर रखे। इंद्राणी ने कहा, तब मार्च 2014 में मोबाइल एप लांच किया गया।

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