भारत ने बढ़ाई अपनी मिसाइल क्षमता, पृथ्वी 2 का किया सफल परिक्षण

सतह से सतह तक मार करने वाली प्रथ्वी 2 मिसाइल का परीक्षण सुबह आईटीआर के एक मोबाइल लांचर के जरिये किया गया। स्वदेशी तकनीक से निर्मित इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान विकास संगठन .डीआरडीओ. ने विकसित किया है। इस मिसाइल का परीक्षण प्रक्षेपण ओडि़सा में किया गया।

यह अत्याधुनिक मिसाइल देश के प्रतिष्ठित एकीकृत निर्देशित प्रक्षेपास्त्र विकास कार्यक्रम (आइजीएमपीडी) के तहत विकसित पहली बैलेस्टिक मिसाइल है। यह मिसाइल 350 किलोमीटर तक प्रहार करने के साथ 500 किलोग्राम परमाणु और परंपरागत दोनों तरह के हथियार ले जाने में सक्षम है।

आईटीआर के निदेशक एमवीकेवी प्रसाद ने बताया कि मिसाइल का परीक्षण ‘स्ट्रेटेजिक फोर्स कमांड’ ने किया और यह पूरी तरह सफल रहा। एक रक्षा वैज्ञानिक ने कहा कि मिसाइल को उत्पादन भंडार से चुना गया था। प्रशिक्षण अभ्‍यास के तहत प्रक्षेपण की सभी गतिविधियों को विशेष तौर पर गठित एसएफसी ने अंजाम दिया और इनकी निगरानी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के वैज्ञानिकों द्वारा की जा रही थी। रक्षा सूत्रों ने बताया कि भारत के एसएफसी में वर्ष 2003 में शामिल की गई पृथ्वी-2 ऐसी पहली मिसाइल है, जिसका विकास डीआरडीओ ने भारत के प्रतिष्ठित आईजीएमडीपी (एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम) के तहत किया है और इस समय यह एक प्रमाणित तकनीक है

एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें