तेलंगाना में स्कूल ने दी 11 वर्षीय बच्ची को तिलक लगाने की सजा, दो घंटे तक प्रिंसिपल के कमरे के बाहर रखा खड़ा ।




तेलंगना स्थित एक स्कूल में पढ़ने वाली बच्ची को इसलिये सजा दे दी गई क्योकि उसने अपने मस्तक पर तिलक लगा रखा था। बताया गया है कि बच्ची रोई और अपने शिक्षकों से माफी भी मांगी, बावजूद इसके उनका दिल नहीं पसीजा। बच्ची को करीब दो घंटे तक स्कूल प्राचार्य के कक्ष के बाहर खड़ा कर सजा दी गई।

11 वर्षीय इस बच्ची ने अपने जन्मदिन के मौके पर माथे पर तिलक लगाया था जिससे नाराज होकर स्कूल प्रशासन ने कथित तौर पर उसे दो घंटे तक प्रिंसिपल के कमरे के बाहर खड़ा रखा।

खबर के मुताबिक सिकंदराबाद के तरनाका इलाके के सेंट एन स्कूल में पढ़ने वाली लड़की पर इस घटना का इतना बुरा असर पड़ा कि उसने कुछ दिनों तक स्कूल जाने तक से इनकार कर दिया। लड़की के माता-पिता ने इस बारे में मानव अधिकार आयोग से शिकायत की है।

आरोप है कि लड़की को प्रिंसिपल सैली जोसफ के कमरे के बाहर खड़े होने की सजा दी गई और साथ ही उसकी मां को समन भी जारी किया गया। आरोप है कि प्रिंसिपल ने छात्रा को स्कूल में तिलक और हेयरपिन लगाकर आने से मना किया। इसके साथ ही जोसफ ने मां की इस दलील को सुनने से भी इनकार कर दिया कि छात्रा अपने जन्मदिन के मौके पर मंदिर गई थी और इसी वजह से उसके माथे पर तिलक लगा है।

लड़की के पिता ने ह्यूमन राइट्स कमिशन को लिखे अपने खत में आरोप लगाया है कि प्रिंसिपल ने लड़की और उसकी मां की दलील को नहीं सुना और साथ ही बच्ची को ट्रांसफर सर्टिफिकेट देने की भी कोशिश की। इसके साथ ही प्रिंसिपल ने छात्रा को यह भी हिदायत की कि उसे भविष्य में अपने हर जन्मदिन पर इसे याद रखना चाहिये।

जन्म दिन पर लगाया था-

सेंट एन स्कूल में पढ़ने वाली पीडि़ता ने अपने जन्म दिन के अवसर पर तिलक लगाया था। लेकिन यह स्कूल प्रबंधन को नागवार गुजरा और उसने बच्ची को बाहर खड़ा कर दिया। बताया गया है कि मामले में छात्रा को स्कूल से बाहर निकालने का भी प्रयास किया गया था। फिलहाल पीडि़ता के माता पिता को उम्मीद है कि मानव अधिकार आयोग उनकी शिकायत पर ध्यान देगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार आयोग ने राज्य शिक्षा विभाग से इस संबंध में 9 अप्रैल तक रिपोर्ट पेश करने के लिये कहा है।

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