शिवराज की शक्ति !


राजनीति के जानकारों का मानना था कि नरेंद्र मोदी और शिवराज सिंह चौहान के बीच सामान्य मधुर सम्बन्ध नहीं रहेंगे तथा मोदी मध्यप्रदेश में शिवराज के प्रभाव को कम करने का प्रयास करेंगे | इस धारणा के पीछे की कथा किसी से छुपी हुई नहीं है | आडवाणी जी द्वारा प्रधान मंत्री पद के लिए शिवराज जी के नाम को आगे बढ़ाना और इस दिशा में शिवराज जी का भी सक्रिय रहना, इस धारणा के पीछे का मूल कारण था | किन्तु मोदी जी के सत्तारोहण के नौ माह बीत जाने के बाद भी इस प्रकार के कोई संकेत अभी तक नहीं हैं | 

इसे मोदी जी का बड़प्पन भी कहा जा सकता है, किन्तु उससे भी अधिक शिवराज जी की अपरिहार्यता उसमें ज्यादा बड़ा कारण है | अब सवाल उठता है कि मध्यप्रदेश में शिवराज अपरिहार्य क्यों हैं ? कैसे वो लगातार सफलता की सीढियां चढ़ते जा रहे हैं ? लगातार चुनावी विजय उनके नेतृत्व में भाजपा कैसे और क्यों प्राप्त करती जा रही है ? भारत के शीर्ष राजनैतिक क्षितिज से आडवाणी जी की विदाई के बाद भी, उनके सर्वाधिक लाडले शिवराज जी अगर अपना अस्तित्व बचाए हुए हैं, तो उसका कारण है उनकी अतिशय विनम्रता और उनके पीछे चट्टान की तरह खड़ा स्थाई वोट बेंक |

स्थाई वोट बैंक तो उमा जी के पास भी है, किन्तु तुनक मिजाजी उनकी सबसे बड़ी शत्रु है | हाल ही में उमाजी की महत्वाकांक्षा को हवा देने तथा उनकी सहानुभूति अर्जित करने का जो प्रयास कांग्रेस क्षत्रप दिग्विजयसिंह जी द्वारा किया गया है, उस ट्रेप में फंसकर उमाजी ने अपनी दलीय स्थिति कमजोर ही की है | दिग्विजय जी द्वारा व्यापम घोटाले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी को फंसाने की पुरजोर कोशिश की है | ठीक उसी तर्ज पर जैसे के पूर्व में डम्पर काण्ड में उन्हें घसीटने का प्रयास किया गया था | उमाजी ने भी दिग्विजय जी के सुर में सुर मिलाते हुए एसटीएफ़ के स्थान पर सीबीआई जाँच की बात कह डाली | 

जिस सीबीआई को केंद्र सरकार का तोता स्वयं सर्वोच्च न्यायालय मानता है, उसके द्वारा की गई जांच, उच्च न्यायालय की देखरेख में जांच कर रही एसटीएफ़ से अधिक निष्पक्ष व प्रभावी होगी, यह मानना ही हास्यास्पद है |

आजकल व्हाट्सएप पर चाहे जितना अफवाहों का बाजार गर्म रहे, अपना मानना तो यह है कि फिलहाल शिवराज जी के राज पर कोई संकट नहीं है | दिग्विजय जी ने अनजाने में ही शिवराज जी की स्थिति को और मजबूत कर दिया है | शिवराज जी का कोई विकल्प न मानकर अब सारी पार्टी उनके पीछे आ खडी हुई है |

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