अब देशभर से चुराए गए बच्चे मिल सकेंगे, भाजपा सरकार की अनूठी योजना |

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अक्सर कोई ध्यान नहीं देता, ट्रेफिक जंक्शन पर हाथ में उनींदे बच्चे को थामे भीख मांगती महिला पर, या लंगड़े, लूले भीख मांगते नन्हे बच्चों पर | कोई नहीं सोचता कि कहीं ये बच्चे किसी असहाय मां बाप के पास से चुराकर तो नहीं लाये गए | किन्तु उन माता पिता के दिल के दर्द को महसूस किया है, महाराष्ट्र की भाजपा सरकार ने | 
महाराष्ट्र सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने तय किया है कि गली-कूचों, सडकों, रेल के डिब्बों में, स्टेशन पर भीख माँगते बच्चों का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा | उनका मानना है कि इससे बच्चों के अवैध व्यापार के मामले उजागर होंगे | स्मरणीय है कि देश भर में बड़े पैमाने पर बच्चा चोरी की घटनाएँ घटती रहती हैं | यह डीएनए टेस्ट बच्चे के असली माता-पिता की पहचान करने में उपयोगी साबित होगा | खोये हुए बच्चों की बड़े पैमाने पर गुमशुदगी की रिपोर्ट देश भर के पुलिस स्टेशनों में लगातार होती रही है और अधिकाँश मामलों में खोये हुए बच्चे लापता ही रहते आये हैं | यदि माहाराष्ट्र सरकार का यह प्रयोग सफल रहा तो अनेक दुखियारे मातापिताओं कि जीवन में खुशियों के नए रंग भरेंगे | 
महिला एवं वाल विकास राज्य मंत्री विद्या ठाकुर के अनुसार मानव तस्करी के शिकार बच्चों को भीख माँगने को विवश किये जाने के अनेक मामले सामने आने के बाद यह निर्णय किया जा रहा है | हालांकि इसमें अभी कुछ समय लगेगा | विस्तृत तैयारी के बाद अंतिम स्वीकृति के लिए इसे केबिनेट के सम्मुख रखा जाएगा | एक विशेष वेव साईट डवलप की जायेगी, जिसमें इन बच्चों का डेटाबेस संग्रहीत किया जाएगा | अगर डीएनए टेस्ट से यह प्रमाणित होगा कि बच्चा किसी भिखारी औरत का नहीं है तो उस महिला के खिलाफ तो कानूनी कार्यवाही होगी ही, बच्चे के वास्तविक माता पिता की खोज की जायेगी | और तब तक वह बच्चा पुनर्वास केंद्र में रखा जाएगा | सरकार का मानना है कि बच्चों को भीख माँगने के लिए विवश करने वाला एक मजबूत गिरोह देश में सक्रिय है, जिसे पहचान कर नेस्तनाबूत करना आवश्यक है | 
उन्होंने कहा कि अपहृत बच्चों और उनके वास्तविक मातापिता का पुनर्मिलन सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस कर्यक्रम को प्राथमिकता पर लेने की इच्छा व्यक्त की थी तथा मानव तस्करी पर गंभीर चिंता जताई थी । परीक्षण के परिणाम और अन्य विवरण के साथ साथ लापता बच्चों की जानकारी भी ओनलाईन रहेगी, जिससे मातापिता को उनके खोए हुए बच्चों का पता लगाने में मदद मिलेगी ।

वर्तमान में महानगरों में स्ट्रीट चिल्ड्रन की सही सही संख्या की कोई वास्तविक जानकारी तो नहीं है, किन्तु सर्व शिक्षा अभियान के एक सर्वेक्षण के अनुसार यह संख्या लगभग 40,000 है ।

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