"आप" के ज्वालामुखी से लगातार निकल रहा विद्रोह का लावा |


अपने ब्लॉग से पार्टी में हड़कंप मचाने वाले राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और महाराष्ट्र के संयोजक मयंक गांधी ने आज फिर एक और ब्लॉग बम पार्टी नेतृत्व पर फोड़ा है | अपने इस ताजा ब्लॉग में उन्होंने लिखा है कि मुझे लगातार अपमानित किया जा रहा है ताकि मैं पार्टी छोड़ दूं । 

उन्होंने आरोप लगाया कि आशीष खेतान समेत महाराष्ट्र के कुछ असंतुष्ट लोगों ने मेरे खिलाफ बोलना भी शुरू कर दिया है। इसके अलावा दिल्ली के नीति निर्माताओं ने तो मुझे बीबीएम (ब्लैकबेरी मैसेंजर) ग्रुप से भी अलग कर दिया है।अभी और बहुत कुछ सामने आएगा और अंत में मुझे इतना अपमानित किया जाएगा कि मैं पार्टी छोड़ दूंगा। योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के लिए भी यही योजना बनाई गई थी, लेकिन पार्टी में बने रहकर दोनों ने इस योजना को विफल कर दिया था। मेरे ऊपर कीचड़ उछाले जाएंगे, देखता हूं कि मैं इसे सह पाता हूं या नहीं।

स्मरणीय है कि 5 मार्च को अपने ब्लॉग में जब मयंक ने योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पीएसी से निकाले जाने के लिए सीधे-सीधे केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराया, उसके बाद आशीष खेतान ने मयंक गांधी पर कटाक्ष करते हुए ट्विटर पर लिखा था कि -

'कुछ लोग सुबह-शाम टीवी इंटरव्यू देंगे, जबकि कुछ दिल्ली और फिर देश के विकास के लिए दिन-रात काम करेंगे। कुछ लोग ब्लॉग लिखेंगे, तो कुछ लोग इतिहास लिखेंगे। विडंबना यह है कि हजारों लोग, जिन्होंने अपने खून-पसीने से इस पार्टी को बनाया है, वे न लेख लिख पाते है और न ही टीवी इंटरव्यू की कला में माहिर हैं।' 
महाराष्ट्र से ही पार्टी की नेता अंजलि दमानिया ने मयंक को निशाने पर लेते हुए कहा कि उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

इस पर ही प्रतिक्रिया देते हुए मयंक गांधी ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव की तरह मुझे भी निशाना बनाया जा रहा है। कुछ लोग पार्टी छोड़ने के लिए मुझे जलील कर रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने ये भी लिखा है कि सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर मेरे खिलाफ मुहिम शुरू की गई है।

मयंक गांधी ने लिखा है कि मेरा ब्लॉग किसी व्यिक्ति विशेष या नेतृत्व को लेकर नहीं है। यह सिर्फ पारदर्शिता को लेकर है कि हम कैसे काम करते हैं। गांधी ने लिखा है कि 'अगर आपने मेरे पहले ब्लॉग को ध्यानपूर्व पढ़ा होगा तो उसमें सिर्फ एक झूठे आदेश को चुनौती दी गई थी। 4 मार्च की बैठक का जिक्र करत हुए उन्होंने लिखा है कि मैंने पारदर्शिता के उच्च सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए ही बैठक की बात और निष्कर्षों को अपने ब्लॉग पर लिखा। ये हमारे कार्यकर्ताओं के लिए था।

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