"आप" की सरकार, विघटन की कगार ?


कहा जाता है कि आम आदमी पार्टी (आप) के भीतर दरार पड चुकी है | दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी पार्टी के नेताओं योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटाने के पक्ष में हैं | यह सवाल भी सबके जहाँ में है कि क्या योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण आप पार्टी में विभाजन करने जा रहे हैं ? शुरूआत हुई आप के संस्थापक सदस्य एडमिरल रामदास द्वारा अरविंद केजरीवाल को लिखे गए एक खुले पत्र से, जिसमें उन्होंने पार्टी में आतंरिक लोकतंत्र और महिलाओं की भागीदारी जैसे कई बिंदुओं को उठाया। 

रामदास के पत्र के बाद, वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने भी पार्टी में बढ़ती खाई और विश्वास की कमी पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को एक धमाकेदार पत्र लिखा । आप पार्टी में चल रहे सत्ता संघर्ष को लेकर वरिष्ठ लेखक और पत्रकारों के कथन स्थिति की भीषणता को दर्शाते हैं |

वरिष्ठ लेखक चेतन भगत का कथन है कि आप पार्टी वह नहीं बची जो पहले थी | संस्थापकों बचपना छोडो | सर्वेसर्वा अरविंद यह समझ लो कि पार्टी को भ्रष्टाचार विरोधी वोट के साथ मोदी से नफरत करने वालों ने भी वोट किया था । आप के लिए सबसे बड़ा खतरा भाजपा, कांग्रेस या कोई अन्य पार्टी नहीं है, आप स्वयं है।

पत्रकार शेखर गुप्ता कहते हैं कि सत्ता में आने के केवल 3 हफ्तों में आप पार्टी भी अन्य भारतीय राजनीतिक पार्टीयों जैसी बन गई है | विचारधारा के संघर्ष का स्थान अहंकार, महत्वाकांक्षा और सर्वोच्च नेतृत्व के संघर्ष ने ले लिया है |

स्वयं आप के नेता भी जो कुछ कह रहे हैं, लिख रहे हैं वह एक प्रकार से आप में चल रहे सत्ता संघर्ष की ही स्वीकारोक्ति है |

योगेन्द्र यादव का कथन - ये वक़्त बड़ी जीत के बाद,बड़े मन से,बड़े काम करने का है. देश ने हमसे बड़ी उम्मीदें लगायी है. छोटी हरकतों से अपने को और इस आशा को छोटा न करें |

आप नेता आशुतोष ने कहा है कि पार्टी के अंदर चल रहा घमासान कुछ 'अल्ट्रा-लेफ्ट' नेताओं के विचारों का टकराव है। आशुतोष ने कहा है कि ये नेता कश्मीर में जनमत संग्रह चाहने वालों में हैं। ट्वीट में आशुतोष ने कहा है कि यह टकराव आम आदमी पार्टी की भविष्य की राजनीति के लिए रास्ता बनाएगा।

आप नेता सोमनाथ भारती ने भी ट्वीट के जरिए कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि पार्टी में चल रहे मंथन से पार्टी मजबूत होगी और मौकापरस्तों को उनकी जगह पर भेजा जाएगा।

संजय सिंह ने कहा कि पार्टी के अंदर यदि किसी तरह के मतभेद हैं तो उन्हें पार्टी के अंदर सुलझा लिया जाएगा। पार्टी के वरिष्ठ नेता यदि अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधेंगे और पार्टी को बदनाम करेंगे तो पार्टी सामान्य ढंग से नहीं चल पाएगी। आप नेता ने कहा कि अरविंद को पार्टी से निकाले जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की चार मार्च को हो रही बैठक में कोई फैसला होता है तो उसके बारे में मीडिया को बताया जाएगा।

अब देखना यह है कि इस संघर्ष का क्लाईमेक्स क्या होगा ? पार्टी बिखरकर दिल्ली की जनता को मूर्ख प्रमाणित करेगी या एकजुट रहकर अन्य राजनैतिक दलों के लिए अखिल भारतीय चुनौती बनने की दिशा में आगे बढ़ेगी |


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