नए बजट से जागी किसानों में अच्छे दिनों की उम्मीद

Cucumber green house
ग्रीन हाउस में खीरे की खेती 

कृषि को जीवन यापन का बेहतर विकल्प बनाने के लिए सरकार ने वित्त वर्ष 2015-16 के लिए कृषि ऋण का लक्ष्य बढ़ाकर 8.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। जबकि उपज के उचित मूल्य दिलाने के लिए सरकार राज्यों के साथ मिलकर राष्ट्रीय कृषि बाजार स्थापित करेगी। जिससे किसानों को अधिक आमदनी प्राप्त होगी । इसके अलावा बेहतर कृषि उत्पादकता हासिल करने के लिए सिंचाई व मृदा के स्वास्थ्य में सुधार के लिए वित्तीय समर्थन की घोषणा की है।

वित्‍तमंत्री ने कहा कि कृषि उत्‍पादन बढाने के लिए मिट्टी और पानी दो प्रमुख उपाय है। मिट्टी की उर्वरता में सुधार के लिए केंद्रीय मंत्री ने कृषि मंत्रालय की जैविक खेती योजना 'परंपरागत कृषि विकास योजना' के वित्‍त पोषण और उसे सहायता देने का प्रस्‍ताव किया। जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना का लक्ष्‍य हर किसान का खेत सिंचने के साथ 'प्रति बूंद अधिक फसल' करने की व्‍यवस्‍था करना है। बजट में सूक्ष्‍म सिंचाई, जल संरक्षण विकास और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए 5,300 करोड़ रुपए की राशि के आवंटन का प्रावधान किया गया है।

उन्‍होंने 2015-16 में नाबार्ड में स्‍थापित ग्रामीण और संरचना विकास कोष की निधियों में 25000 करोड़ रुपए, दीर्घकालिक ग्रामीण ऋण कोष में 15000 करोड़ रुपए, अल्‍पावधिक सहकारी ग्रामीण ऋण पुनर्वित्त निधि हेतु 45000 करोड़ रुपए और अल्‍पावधिक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के पुनर्वित्त कोष के लिए 15000 करोड़ रुपए आवंटित करने का प्रस्‍ताव किया है।

उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाई का उद्देश्य प्रत्येक किसान के खेत की सिंचाई व पानी के इस्तेमाल की दक्षता में सुधार करना है। इसके अलावा टिकाऊ आधार पर मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए महत्वाकांक्षी मृदा हेल्थ कार्ड जारी किया गया है।

नाबार्ड के सहयोग से स्वाभाविक ही अब पॉली हाउस निर्माण जैसी कृषि की आधुनिक तकनीक की खेती के लिए प्रेरित होकर किसान अपनी आर्थिक स्थिति बेहतर बना सकेंगे | बेमौसम की सब्जी का उत्पादन किया जा सकेगा | स्मरणीय है कि एक हजार मीटर के पॉली हाउस निर्माण में लगभग दस लाख का खर्च आता है, जिसमें से किसानों को 90 प्रतिशत हिस्सा कृषि विभाग से अनुदान के तौर पर मिल जाता है ।कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक पॉली हाउस में मौसम से 10 डिग्री तक अधिक तापमान बना कर बेमौसम सब्जी लगाई जाती है। पॉली हाउस में शिमला मिर्च के अलावा बेमौसम की गोभी, प्याज, टमाटर, खीरा, कद्दू, धनियां, फूल गोभी, बंधा गोभी, करेला के साथ साथ आम, पपीता, केला सहित अन्य फसलें किसान प्राप्त कर सकते हैं । साथ ही मशरुम उत्पादन भी संभव है । नए बजट में नई सुविधाओं की घोषणा से किसानों का खेती करने के प्रति हौसला तो बढ़ेगा, किन्तु आदर्श स्थिति तो तब ही मानी जायेगी, जब न केवल गाँव से शहरों की ओर पलायन रुकेगा बल्कि शहरों के नौजवान आत्मनिर्भर रोजगार के लिए गाँव की ओर उन्मुख होंगे |

एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें