राहुल की जासूसी का आरोप - बेबजह का बवाल

Image for the news result

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, आई के गुजराल, मनमोहन सिंह समेत सभी वीवीआईपी ने सुरक्षा के मद्देनजर जिस फॉर्म को भरा हो आखिर क्या कारण है कि कांग्रेस अपनी पार्टी के ही राहुल गांधी को उस फॉर्म के भरने पर विरोध जता रही है ? यही नहीं कांग्रेस पार्टी के नेता इसे जासूसी तक की संज्ञा प्रदान कर रहे है !

कांग्रेस का आरोप है कि पुलिस अधिकारी ने राहुल के कर्मचारियों से कई बेतुके सवाल पूछे ! जैसे राहुल की आंखों का रंग क्या है! वह किस तरह के जूते पहनते हैं! उनके करीबी दोस्त कौन-कौन हैं! कांग्रेस के इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए राज्यसभा में जवाब देते हुए अरूण जेटली ने कहा, यह पुराना कानून है ! वीवीआईपी की सुरक्षा के लिए पुलिस पहले भी ऎसी जानकारी लेती रही है ! मैंने भी यह ब्योरा दिया है और मेरे साथ कई कांग्रेस सांसदों ने भी यह फॉर्म भरा है ! ऎसे में इसे जासूसी बताना सरासर गलत है !

जेटली ने कहा कि वीवीआईपी की सुरक्षा में कोई कोताही नहीं की जा सकती ! सदन में नेताओं को जनता के हित में काम करना चाहिए और बेवजह के मुद्दे उठाकर समय नहीं बर्बाद करना चाहिए ! उन्होंने कहा कि 1987 में कांग्रेस द्वारा ऎसी प्रोफाइलिंग बनाने का काम आरंभ किया गया ! जूते की नाप के मामले में भी उन्होंने राजीव गांधी की हत्या का उदाहरण दिया जहां से उनके शव की पहचान उनके जूते से हो पाई थी !

जेटली ने कहा कि सुरक्षा पहलुओं के बारे में जानकारी जुटाने का काम जिनके जिम्मे है, उन्हें ही करने दिया जाए ! उन्होंने कहा कि 9 जून, 2011 को अटल बिहारी वाजपेयी का भी प्रोफाइल तैयार किया गया ! सोनिया गांधी का भी प्रोफाइल तैयार किया गया और हर दो साल में यह काम किया जाता है ! जासूसी करने के लिए किसी के घर जाकर पूछताछ नहीं की जाती है जासूसी चुपचाप की जाती है ! इस मुद्दे को राज्यसभा उपसभापति पीजे कुरियन द्वारा खारिज कर दिए जाने के बाद कांग्रेस पार्टी के सांसदों के साथ कुछ विरोधी दलों के सांसदों ने सदन से वॉकआउट भी किया !

एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें