शरद यादव - महिलाओं के सौन्दर्य की प्रशंसा या अश्लील नजरिया ?

'साउथ की महिलाओं का रंग सांवला लेकिन बॉडी खूबसूरत'

जेडीयू प्रमुख शरद यादव का संसद में बयान और उस पर अधिकाँश सांसदों की भोंडी प्रतिक्रिया, किसी भी समझदार भारतीय को शर्मसार करेगी | कैसे जन प्रतिनिधि हैं हमारे ? लेकिन हमारे इन जन प्रतिनिधियों का तो लाज शर्म से दूर दूर का कोई बास्ता ही नहीं है | कहीं की बात को कहीं जोड़ते हुए शरद यादव ने महिलाओं के प्रति जिस प्रकार का अश्लील नजरिया व्यक्त किया, वह बेतुका तो था ही, निंदनीय और घृणित भी था | 

बात चल रही थी निर्भया डॉक्युमेंट्री बनाने वाली लेस्ली उडविन की | शरद यादव ने कहा कि उन्हें डॉक्युमेंट्री बनाने की अनुमति देना इस बात का प्रतीक है कि  भारतीय गोरी चमड़ी के आगे किस तरह सरेंडर करते हैं | भारत में गोरी चमड़ी वालों को तो देखकर आदमी दंग रह जाता है। 'भारत गोरी चमड़ी के पीछे पड़ा रहता है', शादी का विज्ञापन देखो तो उसमें लिखा होता है कि गोरी बॉडी चाहिए लेकिन लोग क्यों भूल जाते हैं कि उनका भगवान भी सांवला था।

इतना बोलते बोलते वे अकस्मात अपनी औकात पर आ गए और अचानक साउथ की महिलाओं का जिक्र छेड़ दिया। मुस्कुराते हुए बोले कि साउथ की महिलाओं का रंग भले ही सांवला होता है लेकिन उनकी बॉडी तो काफी खूबसूरत होती है। साउथ की महिलाएं नृत्य जानती हैं क्योंकि उनके पास अच्छा फिगर है |

दुर्भाग्य पूर्ण स्थिति यह है कि शरद यादव की इस आपत्तिजनक टिप्पणी पर सदन पर बैठे हुए आधे से ज्यादा लोग हंसने लगे। सदन ठहाकों से गूंजने लगा | केवल डीएमके नेता कनिमोझी ने इस बात पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए विरोध किया और यादव से माफी मांगने को कहा।  जब इस बयान पर हंगामा मच गया तो जेडीयू ने भी इस बात पर अफसोस जताया और कहा कि जो हुआ ठीक नहीं हुआ लेकिन इसमें माफी मांगने जैसी कोई बात नहीं है।

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