आत्महत्या या नौटंकी में हादसा


आईबीएन सेवन ने जंतर-मंतर पर आयोजित आम आदमी पार्टी की रैली में गजेंद्र सिंह कल्याणवत नामक शख्स द्वारा की गई खुदकुशी के बाद उसके विषय में जानकारी प्रस्तुत की है । 

गजेंद्र राजस्थान के दौसा जिले के बांदीकुई विधानसभा इलाके के एक गांव के रहने वाले थे। वो महज किसान नहीं थे बल्कि सामाजिक और राजनीतिक रूप से काफी सक्रिय और समृद्ध थे। यहां तक कि वो विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके थे। वो युवावस्था से ही अपने चाचा गोपाल सिंह नांगल के साथ राजनीति में सक्रिय थे। नांगल प्रधान और सरपंच भी रह चुके थे। गजेंद्र ने बीजेपी के साथ राजनीति की शुरुआत की। वो बीजेपी के स्थानीय कार्यक्रमों में भागीदारी करते रहते थे और चुनाव लड़ने की ख्वाइश भी रखते थे। 2003 में जब बीजेपी की तरफ से गजेंद्र सिंह को टिकट नहीं मिला, तो उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया।

गजेंद्र सिंह कल्याणवत ने सपा का दामन थामते ही 2003 का विधानसभा चुनाव लड़ा, जिसमें उनको बीजेपी की अल्का सिंह से हार का मुंह देखना पड़ा। गजेंद्र इसके बाद भी राजनीति में डटे रहे। उन्होंने 2013 तक सपा में रहकर राजनीति की। इस दौरान गजेंद्र ने सपा जिलाध्यक्ष से लेकर प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य तक का सफर तय किया। 2013 में उन्होंने विधानसभा टिकट मिलने की आस में कांग्रेस का दामन थाम लिया। लेकिन जब कांग्रेस में दाल नहीं गली तो वो आम आदमी पार्टी के करीब आ गए।

गजेंद्र सिंह जयपुरिया साफे का कारोबार करते थे। उन्होंने देश-दुनिया के नामचीन लोगों को अपने हाथों से साफा पहनाया था, जिनमें बिल क्लिंटन, नेपाल के राष्ट्रपति परमानंद, मुरली मनोहर जोशी, अटल बिहारी वाजपेयी जैसी हस्तियां शामिल हैं। गजेंद्र सिंह इस कला में इतनी महारत रखते थे कि वो एक मिनट में 12 लोगों के सिर पर पगड़ी बांध देते थे। इसके अलावा गजेंद्र 33 स्टाइल की पगडियां बांधने में भी निपुण थे। अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए उन्होंने बाकायदा वेबसाइट भी बनाई थी, तो फेसबुक जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी वो सक्रिय थे।

अब इन जानकारियों के सामने आने के बाद क्या तस्वीर साफ़ नहीं हो जाती ? क्या ऐसा नहीं हो सकता कि महत्वाकांक्षी गजेन्द्र को किसी नेता ने उकसाया हो कि वह आत्महत्या का नाटक रचे व इस प्रकार देश दुनिया में प्रसिद्धि प्राप्त कर ले ? हजारों लोग वहां होंगे, कोई न कोई बचा ही लेगा | पंजाब का एक कार्यकर्ता बचाने चढ़ा भी लेकिन तब तक देर हो चुकी थी | देश को नौटंकी की गंदी राजनीति से बचाने के लिए इस हादसे की सीबीआई द्वारा जांच करवानी ही चाहिए | 

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