भाजपा क्यों चाहती है, कार्यकर्ताओं की सक्रियता ?


बेंगलूर में चली भाजपा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक का निचोड यह है कि भाजपा को सर्वाधिक चिंता अपनी छवि को लेकर है | इसीलिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय प्रणीत अन्त्योदय कार्यक्रम को सर्वाधिक महत्व दिया गया है | भाजपा को हैरानी परेशानी इस बात को लेकर है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्थिक विकास को लेकर तथा भारत के नौजवानों के लिए रोजगार सृजन की खातिर जो “मेक इन इण्डिया” का सपना बुना, उसके लिए प्राथमिक आवश्यकता भूमि की है | आखिर जो भी औद्योगिक समूह और बहुराष्ट्रीय कम्पनियां भारत में निवेश की खातिर आयेंगी, उन्हें भूमि सहित सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना सरकार को पहले आवश्यक होगा |

विपक्ष का तो काम ही है आलोचना करना | किन्तु भाजपा हैरान परेशान इसलिए है कि विपक्ष का दुष्प्रचार लोगों के गले क्यों उतर रहा है | इसीलिए राष्ट्रीय कार्यसमिति में भाजपा ने भूमि अधिग्रहण मुद्दे पर जनता के बीच जाने और उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराने का निर्णय किया है | नरेंद्र मोदी अच्छे दिन लाने के जिस वादे के साथ सत्ता में आये हैं, उसे पूरा करना कोई बच्चों का खेल नहीं है | उसके लिए उन्हें समय की भी आवश्यकता है, किन्तु लगातार होते चुनावों के कारण कोई भी दीर्घकालिक योजना बनाना व उसके परिणाम के माध्यम से जनता का दिल जीतने का अवसर उन्हें नहीं मिल रहा | 

यह संतोषजनक है कि अभी तक उनकी नीयत पर जनता को कोई शक सुबहा पैदा नहीं हुआ है | केंद्र में एक ईमानदार सरकार है, यह आम धारणा है | यह धारणा बनी रहे, विश्वास न टूटे, इसलिए प्रचार तंत्र पर फोकस करने की बात भाजपा राष्ट्रीय कार्य समिति ने मानी है | जन धारणा की लडाई जीतने का मूल मन्त्र है - कार्यकर्ताओं की सक्रियता और सजगता | इस पर ही सर्वाधिक जोर भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति ने दिया है, जो स्वाभाविक भी है और आवश्यक भी |

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