राष्ट्रपति भवन में भारतीय किशोरों ने दर्शाई अपनी प्रतिभा |


भारत में आज भी ज्ञान विज्ञान का अक्षय भंडार है | भारतीय नवयुवकों की सृजनशक्ति अद्भुत है | हाल ही में इसका प्रमाण मिला है | 

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने “स्कोलर इन रेसिडेंस” नामक एक नवीन प्रकल्प प्रारम्भ किया है, इसके अंतर्गत कल्पनाशील और कुछ नवीन करने वाले नवयुवकों के लिए राष्ट्रपति भवन के द्वार खोल दिए हैं | इस कार्यक्रम के अंतर्गत 15-30 आयु वर्ग के चयनित नवयुवकों को दो सप्ताह के लिए राष्ट्रपति भवन में रहने के लिए आमंत्रित किया जाता है | इस दौरान अपनी कल्पनाशीलता से युवकों ने जो कुछ अच्छा किया होता है, उस पर और शोध व अनुसंधान कर और अच्छा कैसे किया जाये, इस हेतु उन्हें मार्गदर्शन दिया जाता है | राष्ट्रपति स्वयं रूचि लेकर देश की युवा शक्ति की क्षमता का देश हित में पूर्ण उपयोग करने के इस कार्य को गति देते हैं और यही इस कार्यक्रम का उद्देश्य है | देश के प्रमुख वैज्ञानिक और तकनीकी व्यक्तियों का सहयोग तो मिलता ही है, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, व मंत्रीगण राष्ट्रपति भवन में एक साथ आकर युवाओं से चर्चा, मार्गदर्शन व सहयोग करते हैं । 

इस प्रकार अब तक दो बार युवाओं को राष्ट्रपति भवन में रुकने का अवसर मिल चुका है | उनमें से एक समूह मार्च 2014 में राष्ट्रपति भवन में रुका था । इस समूह में 15 वर्षीय प्रियंका मथीक्षारा हिनं ने सार्वजनिक उपयोग के लिए सौर ऊर्जा से संचालित कचरा पेटी का प्रदर्शन किया । इस पेटी में डालने के बाद यंत्रों के माध्यम से कचरे के अलग अलग भाग हो जाते हैं, इस कारण इसमें अधिक कचरा आ सकता है | एक पेटी भरते ही पेटी बदलने के लिए स्वतः नगर परिषद् अधिकारियों को फोन हो जाता है | प्रियंका की यह कचरा पेटी सौर ऊर्जा से संचालित है अतः यह रात्रि में मार्ग को प्रकाशित करने का भी काम करती है । उल्लेखनीय यह है कि इस यंत्र का आविष्कार करने वाली प्रियंका की आयु मात्र 15 वर्ष है!
दीपांशु मालवीय ने रास्ते पर पड़े कचरे को उठाने वाला एक यंत्र निर्माण किया है | यह एक वाहन है। यह स्वतः सडकों पर पड़े कचरे को उठाकर एक बड़ी पेटी में डालता है | इस किशोर की आयु भी मात्र 15 वर्ष है।
पिछले साल 21 वर्षीय मनीषा मोहन ने बलात्कार से लड़कियों की रक्षा करने वाले अंतर्वस्त्र का प्रदर्शन किया था | जैसे ही कोई दुष्ट व्यक्ति बलात्कार का प्रयत्न करते हुए अंतर्वस्त्र को हाथ लगाएगा, उसे चार हजार किलोवाट का झटका लगेगा व वह दूर जा गिरेगा | एक युवती व पांच छः पुरुष होने पर भी इस यंत्र ने बखूबी काम किया व सबको धुल चटा दी | इस प्रकार बलात्कारियों के चंगुल से छूटकर उसके बाद युवती “सुपर वीमेन” बनकर बच भी सकती है और अपनी मदद के लिए पुलिस को फोन भी कर सकती है | पुलिस रास्ते में अचेत पड़े उन नराधमों को गिरफ्तार कर सकती है |
मनीषा द्वारा बनाए गए इस अंतर्वस्त्र का प्रचार कैसे हो, उसका विक्रय कैसे हो, इस यंत्र को पेटेंट कैसे कराया जाए, उसके लिए सरकारी खानापूरी कैसे हो, इन सभी बातों की जानकारी राष्ट्रपति भवन में अधिकारियों द्वारा उसे प्रदान की गई | 


केवल 16 वर्षीय तेनिथ आदित्य नामक नवयुवक विद्यार्थी ने ऐसी प्रक्रिया की खोज की है, जिससे बिना कोई रसायन उपयोग में लाये दो वर्ष तक केलों को ताजा रखा जा सकता है राष्ट्रपति भवन में रहने के दौरान इस खोज को आगे बढाने के लिए उसे बहुत मदद मिली ।

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