आज की तीन प्रमुख सुर्खियाँ |

पंडित नेहरू के साथ सुभाष चंद्र बोस.

कोलकाता: सोमवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के वंशज चंद्र कुमार बोस ने मांग की है कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को दिया गया भारत रत्न वापस ले लेना चाहिए | उन्होंने यह मांग अभी हाल ही में नेताजी के परिवार की बीस वर्ष तक हुई जासूसी के खुलासे के बाद की है | 

स्मरणीय है कि श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने नेताजी से सम्बंधित 150 से अधिक गुप्त दस्तावेजों को सार्वजनिक करने हेतु समीक्षा के लिए एक कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में अंतर-मंत्रालयी समिति गठित की है | माना जा रहा है कि इन दस्तावेजों के सार्वजनिक होने के बाद यह मांग और भी जोर पकड़ेगी । बैसे भी प.बंगाल में अगले वर्ष विधान सभा चुनाव होने जा रहे हैं | अतः यह मामला तो और अधिक तूल पकड़ेगा | क्योंकि न केवल भाजपा बल्कि तृणमूल कांग्रेस भी बंगाली अस्मिता से जुड़े इस मुद्दे को गरमाने में कोई कसर छोड़ने वाली नहीं है |

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AAP's attitude reminds me of Stalin says Prashant bhushan

कल रात को आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय अनुशासनात्मक समिति ने प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, अजित झा और आनंद कुमार को कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया | 

इसके पूर्व इन लोगों ने आप पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाया था कि उन्होंने संदिग्ध कंपनियों से दान स्वीकार कर पार्टी की मूल भावना के विरुद्ध कार्य किया था | 

भूषण और यादव ने अपने पहले कार्यकाल में केजरीवाल द्वारा मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने तथा रेल भवन के बाहर धरना देने जैसे कदमों की भी आलोचना की ।

17 अप्रैल को उन्हें जारी किए गए नोटिस के जबाब में इन लोगों ने ये सब आरोप लगाए तथा अनुशासन समिति के गठन की बैधता पर ही सवाल खड़े किये | उन्होंने समिति के सदस्य पंकज गुप्ता पर संदिग्ध कंपनियों से चंदा लेने एवं आशीष खेतान पर एक कंपनी का पक्ष लेते हुए 'पेड न्यूज़' स्टोरी करने का आरोप लगाया। नोटिस पर अपने जवाब में भूषण ने कहा कि गुप्ता और खेतान ने उन पर आरोप लगाए हैं और ऐसे हालात में वह दोनों इस मामले में 'जज' कैसे हो सकते हैं।
एनडीसी ने 17 अप्रैल को भूषण को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसमें आरोप लगाया गया था कि भूषण ने लोगों से पार्टी को चंदा नहीं देने को कहा। दिनेश वाघेला इस समिति के अध्यक्ष हैं, जबकि गुप्ता और खेतान उसके सदस्य हैं। 
दो करोड़ रुपया चंदा लेने के मामले का जिक्र करते हुए अपने जबाब में इन दोनों ने कहा कि इस मामले को पार्टी के लोकपाल एडमिरल एल रामदास को भेजे जाने के बजाय उन्हें ही पद से बर्खास्त कर दिया गया।

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56 दिन की छुट्टी के बाद राजनीति में वापसी करने वाले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने मुंह मियां मिट्ठू बनाते हुए कहा कि 19 अप्रैल को आयोजित किसान रैली में दिया गया उनका भाषण अच्छा था, इसके बाद भी मीडिया ने उसमें उठाये गए बिन्दुओं को चर्चित नहीं किया | किसान रैली के फ्लॉप शो के बाद अब राहुल जी ने संवाददाताओं के साथ चर्चा के माध्यम से केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि उसने भूमि अध्यादेश के बारे में उठाए गए उनके सवालों का कोई जवाब नहीं दिया ।

राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर किसानों और मजदूरों की उपेक्षा करने तथा औद्योगिक घरानों के हाथों में खेलने का भी आरोप लगाया ।

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