प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने फ़्रांस व कनाडा यात्रा की उपलब्धियों से प्रवासी भारतीयों को अवगत कराया |

View image on Twitter

कनाडा की यात्रा पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ओटावा में भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद टोरंटो में भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में भी पीएम का गर्मजोशी से स्वागत हुआ। कनाडा के पीएम स्टीफन हार्पर भी उनके साथ थे। 

भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए स्टीफन हार्पर ने कहा, 'भारत और कनाडा की दोस्ती की हम कद्र करते हैं।' उन्होंने कहा कि कनाडा में भारतीय कम्यूनिटी ने यहां की संस्कृति और इकॉनमी को समृद्ध किया है। उन्होंने कहा, 'पीएम मोदी की यात्रा ऐतिहासिक है। वह देश को विश्वगुरु बनाना चाहते हैं।'

टोरंटो में भारतीय समुदाय के इसी कार्यक्रम में प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपनी यात्रा की महत्वपूर्ण उपलब्धियों का ब्यौरा दिया | साथ ही अपनी सरकार की उपलब्धियों से भी प्रवासी भारतीयों को अवगत कराया | प्रस्तुत हैं उनके भाषण के प्रमुख अंश –

मैं गर्व से कह सकता हूं कि कनाडा ऐसा देश है, जो साल 2003 से गुजरात का पार्टनर है। इस दौरे के दौरान लिए जाने वाले फैसले दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करेंगे।

हम लोग न्यूक्लियर एनर्जी के लिए दुनियाभर से रिऐक्टर मांगते थे। हर देश हाथ खड़े कर देता था। लंबे अर्से यह पेडिंग था। कोई देने को तैयार नहीं था। उन्हें लगता था कि कहीं हम बम न बना दें। जो बनाते हैं, उन्हें कोई रोकता नहीं है। रोक पाते भी नहीं हैं। जो गांधी का देश है, जिसने कभी किसी पर हमला नहीं किया, उनको कई सालों से रिऐक्टर के लिए भटकना पड़ता है। इस बार फ्रांस की कंपनी से एमओयू साइन हुआ है। अब वह रिऐक्टर भारत में बनेगा। 

रिऐक्टर के लिए यूरेनियम चाहिए था। यूरेनियम कनाडा देगा।

हम भारत की इमेज 'स्कैम इंडिया' से बदलकर 'स्किल इंडिया' की बनाना चाहते हैं। 

भारत में विश्वास का माहौल बना है और भारत के अंदर क्षमता बहुत है, वस मौके चाहिए। भारत के पास वह संपत्ति है, जो दुनिया में किसी के पास नहीं है। वह संपत्ति है नौजवान हिंदुस्तान। देश की सबसे बड़ी संपत्ति इसके युवा हैं। 80 करोड़ युवा, करोड़ सपने और 160 सक्षम हाथ। हम क्या हासिल नहीं कर सकते? 80 करोड़ नौजवान जिस देश के पास हों, वह देश क्या नहीं कर सकता है।

भारत में विश्वास का नया वातावरण बना है। राष्ट्रपति कलाम कहा करते थे कि अखबारों में पॉजिटिव कॉलम होना चाहिए और आखिरकार यह हो रहा है। एक अखबार के मालिक ने मुझे चिट्ठी लिखी कि हमने अखबार की एक नई नीति बनाई है। सफ्ताह में एक दिन हमारा अखबार सिर्फ पॉजिटिव न्यूज ही छापेगा।

10 महीने पहले सरकार बदली थी। आज मैं 10 महीने के बाद कह सकता हूं कि जन-जन का मन भी बदला है। सरकार बदली है, इससे क्या होगा यह तो समय बताएगा। लेकिन जन-मन बदलने से क्या होता है यह मैं अच्छी तरह समझता हूं।

भारत में पिछले दस साल में प्रतिदिन 2 किलोमीटर सड़क बनती थी। पिछले 10 महीनों से हर दिन 11 किलोमीटर सड़क बन रही है।

जिनको गंदगी करनी थी, वे गंदगी करके चले गए, हम सफाई करेंगे |

एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें