भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी बनाम स्मृति ईरानी और मीनाक्षी लेखी विवाद

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आम तौर पर माना जा रहा है कि भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी को अपेक्षा के अनुरूप मीडिया अटेंशन नहीं मिला | उससे कहीं अधिक प्रचार तो मिला स्मृति ईरानी को, जिन्होंने गोवा घूमते घूमते महिला अस्मिता का प्रकरण उठा दिया | फैब इंडिया की दूकान के चेंज रूम में सीसीटीव्ही कैमरे ने देश का ध्यान ज्यादा आकर्षित किया | हो सकता है कि मीडिया की भाजपा विरोधी मानसिकता के चलते उसने राष्ट्रीय कार्यकारिणी से अधिक प्रचार स्मृति ईरानी का किया हो, किन्तु ट्विटर ट्रेंड भी दिखाता है कि प्रकाश जावडेकर और अमित शाह से ऊपर ट्रेंड में स्मृति ईरानी रही |

कहा जा सकता है कि भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के प्रति जन रुझान में कमी रही है, और रही सही कसर पूरी कर दी भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने | आज मोदी जी के भाषण और कार्यकारिणी के राजनैतिक प्रस्ताव पर चर्चा से ज्यादा चर्चा मीनाक्षी लेखी के उस बयान की है, जिसमें उन्होंने फैब इंडिया के चेंज रूम में स्मृति ईरानी द्वारा कैमरा खोजने के प्रकरण को योजनाबद्ध व षडयंत्रपूर्ण करार दिया है |

स्पष्ट ही भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है | क्या मीनाक्षी लेखी का बयान महज एक महिला सांसद की ईर्ष्या को दर्शाता है, जो स्वयं जीतकर कुछ नहीं बन पाईं, जबकि लोकसभा चुनाव में पराजय का सामना कर चुकीं स्मृति ईरानी महत्वपूर्ण विभाग की केबिनेट मंत्री बन गईं ? अथवा उनके आरोप में कोई दम है ?

मीनाक्षी लेखी ने परोक्ष में यह दर्शाने की चेष्टा की है कि स्मृति ईरानी ने जानबूझकर मीडिया का ध्यान राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटाने के लिए यह नाटक किया | एफआईआर में सीसीटीवी कैमरे को जासूसी केमरा बताया गया है | और महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े इस मुद्दे की रिपोर्ट केंद्रीय मंत्री ने स्वयं करने के स्थान पर एक स्थानीय विधायक से करवाई है | स्वाभाविक ही इस उच्च स्तरीय प्रकरण की जांच होना ही चाहिए ।

इस विवाद में दो में से एक बात तो स्पष्ट ही है | या तो कुछ ही हफ्ते पहले भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटाई गई स्मृति ईरानी ने अपनी नाराजगी इस प्रकार व्यक्त की हो अथवा दिल्ली की सांसद मीनाक्षी लेखी कुंठाग्रस्त हैं ? जो भी हो, अगर दोनों में से एक भी बात सत्य है तो भाजपा के लिए परेशानीदेह तो है ही ! समाचार चैनलों में चर्चा है कि बहुत जल्द ही भाजपा सरकार में कैबिनेट फेरबदल की संभावना है | हो सकता है कि यह विवाद उसी कारण उपजा हो | स्पष्ट ही लेखी लोकसभा चुनाव हारने के बावजूद मानव संसाधन विकास मंत्री के रूप में ईरानी की ऊंचाई से खुश नहीं है । कुल मिलाकर यह एक 'बेहूदा' मुद्दा है | गिरिराज सिंह, साध्वीयाँ, स्मृति ईरानी या मीनाक्षी लेखी, यह श्रंखला जितनी ऊंचाई पकड़ेगी, भाजपा उतनी ही नीचाई |

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