कश्मीर में हिन्दुओं को पुनः बसाने के निर्णय से बिफरे अलगाववादी


श्रीनगर, अप्रैल 9 : पच्चीस वर्षों पहले अपनी ही धरती से बेरहमी से खदेड़ दिये गए कश्मीरी पंडितों का मुद्दा बुधवार को उस वक़्त फिर गरमा गया जब राज्य की भाजपा-पीडीपी सरकार ने यह फैसला लिया की विस्थापित कश्मीरी पंडितों को वापस उनके पुरखों की ज़मीन कश्मीर में लाकर बसाया जाए। दरअसल, सरकार ने अलग से दक्षिण तथा मध्य कश्मीर में पंडितों के लिए समग्र बस्तियाँ बनवाने का निर्णय लिया है और इसी के बाद विपक्षी दलों जैसे नेशनल कॉन्फ्रेंस, काँग्रेस और अलगाववादी हुर्रियत के लोगों ने हँगामा शुरू कर दिया।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पहले प्रायोगिक तौर पर पंडितों के लिए अलग सुरक्षित बस्तियाँ बनवाकर उन्हें बसाया जाएगा और उसके बाद यदि यह प्रयोग सफल हो जाता है तो आगे भी ऐसी बस्तियाँ बनवाई जा सकती हैं। राज्य सरकार के इस निर्णय के पीछे केंद्र की भाजपा सरकार का बड़ा हाथ माना जा रहा है। इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री मुफ़्ती मोहम्मद सईद ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मंगलवार को भेंट भी की थी।

जब से जम्मू कश्मीर सरकार ने यह निर्णय लिया है तबसे कश्मीर के कट्टरवादी और अलगाववादी नेता बिफर पड़े हैं। इस विरोध की शुरुआत निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद ने की और सरकार को चेताया की ऐसी अलग बस्तियाँ बनवाने का कार्य वे बिलकुल भी नहीं होने देंगे।

उमर अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक और महासचिव आली मोहम्मद सागर और काँग्रेस के राज्याध्यक्ष ग़ुलाम अहमद मीर ने ऐसे अलग बस्तियों के प्रस्ताव पर आपत्ति जताई और कहा की वे चाहते तो हैं की कश्मीरी पंडित दोबारा लौटे पर इस तरह नहीं।

हमेशा की तरह अलगाववादी नेता यासीन मालिक और उनके जैसे मानसिकता वाले लोगों ने यहाँ तक कह डाला की यह भारत सरकार की साजिश है की इस्राइल के मॉडल पर पंडितों को दोबारा यहाँ लाया जाये और अलग से बसाया जाए जिससे ‘नफरत’ की चिंगारी भड़केगी।

सुपरससिद्ध अभिनेता और पंडित अनुपम खेर समेत देश भर के कश्मीरी पंडितों ने कहा की इस तरह की आपत्तियों से उन्हें कोई हैरानी नहीं हुई सात ही यह भी कहा की वे कैसे वापस जाकर उन्हीं स्थानों पर रह सकेंगे जहां हत्या, बलात्कार और लूट खसोट जैसे जख्मों को झेलकर वे देश के विभिन्न हिस्सों में भाग गए थे। 

अनुपम ने मिडियावालों पर भी का बयान देते हुए कहा की जब सार्वभौमिक सरकार ने हमें वहाँ बसाने का फैसला लिया है तो मिडियावाले ऐसे कुछ कट्टरवादियों की विचारधारा को क्यों हवा दे रहे हैं और उनका विरोध न्यूज़ चैनलों पर चलवा रहे हैं

एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें