सलमान की सजा और एक गवाह की खौफनाक मौत |

इनकी गवाही के बाद फंसे थे सलमान, नहीं बदला मरते दम तक बयान


सलमान की सजा पर बहुत लोग आंसू बहा रहे हैं | लेकिन बेचारे कांस्टेबल रवीन्द्र पाटिल की किसी को खबर भी नहीं, जिसे केवल इसलिए गुमनामी में मरना पड़ा, क्योंकि वह इस हाई प्रोफाईल मामले का चश्मदीद गवाह था | किसी को याद नहीं होगा कि रवींद्र पाटिल सलमान खान से जुड़े ‘हिट एंड रन’ मामले में एक प्रमुख गवाह था। यही वो शख्स था, जो इस केस के बारे में सब कुछ जानता था। रवींद्र पाटिल आज इस दुनिया में नहीं है। सवाल है कि वो कैसे मरा और उसकी मौत के पीछे की खास वजह क्या थी ? 

आईये जानें रवीन्द्र पाटिल की दुखभरी पूरी कहानी -

जो लोग रवींद्र पाटिल को जानते थे वो इस बात से सहमत थे कि उस पर बयान बदलने को लेकर बहुत ज्यादा प्रेशर था। रिपोर्ट्स के मुताबिक कई लोगों ने उस पर स्टेटमेन्ट बदलने के लिए दवाब डाला, ताकि सलमान खान जेल जाने से बच सके। लेकिन उसने अपनी आखिरी सांस तक बयान नहीं बदला। वहीं, रवींद्र को बयान बदलने के लिए लालच और धमकी भी दी गई। यहां तक कि पुलिस ने उसके परिवार को काफी परेशान भी किया।

‘हिट एंड रन मामले’ में जुड़ने के बाद से ही रवींद्र कोर्ट-कचहरी से बहुत डरने लगा था। उस पर वकीलों का बहुत दबाव था। वह कोर्ट में वकीलों के सवालों के जवाब देने से भी डरने लगा था। इसके चलते वह डिप्रेशन में चला गया था। सीनियर पुलिस अधिकारियों ने नौकरी से अनुपस्थित रहने का आरोप लगाकर रवींद्र को नौकरी से निकाल दिया था। नौकरी से निकाल देने के बाद भी पुलिस ने रवींद्र का पीछा नहीं छोड़ा था। पेशी के दौरान कोर्ट में अनुपस्थित रहने के आरोप में रविंद्र को जेल भेज दिया गया था। इतना ही नहीं तो जेल में भी उसके साथ ऐसा व्यवहार किया जाता था कि मानो वह खूंखार कैदी हो। उसे अन्य कैदियों से अलग रखा गया था। एक बार उसे सीरियल किलर्स के साथ ही रखा गया। 

बताया जाता है कि इस केस में जेल से बाहर आने के बाद परिवार वालों ने उसे बयान बदलने के लिए काफी समझाया। क्योंकि पुलिस परिवार को परेशान कर रही थी। लेकिन रवींद्र ने उनकी बात नहीं मानी। सूत्रों के मुताबिक, परिवार से अलग होने के बाद रवींद्र अचानक घर से लापता हो गया था। 2007 में वह सेवरी म्युनिसिपल अस्पताल से मिला। अस्पताल आने से पहले उसे सड़कों पर भीख मांगते देखा गया था। वह नर्वस ब्रेक डाउन का शिकार हो गया था। भीख के पैसों से दिन-रात शराब पीता था। इसी वजह से उसे टीवी हो गई। कमजोरी की वजह से उस पर दवाओं का असर नहीं हुआ और आखिरकार उसने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया। 2007 में सेवरी म्युनिसिपल अस्पताल में जब उसने अंतिम सांस ली, तब उसके पास परिवार का भी कोई व्यक्ति नहीं था।

आधार - http://bollywood.bhaskar.com/news-hf/ENT-BNE-hit-and-run-case-complete-story-of-key-eyewitness-ravindra-patil-4985070-PHO.html
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