आईएसआईएस का दावा, पाकिस्तान से परमाणु बम प्राप्त करना बाएं हाथ का खेल |

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आज अंग्रेजी अखबार The Independent में हीथर सोल का एक लेख प्रकाशित हुआ है | लेख के अनुसार आईएसआईएस ने अपनी प्रचार पत्रिका Dabiq के नवीनतम अंक में यह दावा किया है कि वह एक साल के भीतर अपना पहला परमाणु हथियार खरीदने में सक्षम है । 

विगत दो वर्षों से बंधक फोटो जर्नलिस्ट जॉन केंतलिए को नियमित रूप से आतंकी संगठन के प्रचार में इस्तेमाल किया जाता है और वह "मुझे अपने कान उधार दे Lend Me Your Ears" नामक एक यूट्यूब श्रृंखला सहित अनेक वीडियो श्रंखला में दिखाई दिया है। उसी बंधक पत्रकार के हवाले से पत्रिका में प्रकाशित इस अतिशयोक्तिपूर्ण लेख में कहा गया है सबसे विस्फोटक इस्लामी समूह आईएसआईएस को अगले बारह महीनों में सबसे विस्फोटक इस्लामी आंदोलन के रूप में विकसित होते हुए आधुनिक दुनिया देखेगी । 

"बिल्कुल सही तूफान The Perfect Storm" शीर्षक से लेख के अंश में कहा गया है कि बोको हराम जैसे कई उग्रवादी इस्लामी समूहों ने आईएसआईएस के प्रति अपनी निष्ठा जताई है, जिसके कारण मध्य पूर्व, अफ्रीका और एशिया भर में एकजुट वैश्विक आंदोलन बनने जा रहा है । 

लेख में दावा किया गया है कि आईएसआईएस उग्रवादियों के पास टैंक, रॉकेट लांचर, मिसाइल प्रणाली, विमान भेदी प्रणाली पहले से ही विद्यमान है । केवल परमाणु हथियार की ही कमी है | इस्लामी स्टेट के पास अरबों डॉलर का बैंक बैलेंस है, जिसकी सहायता से वे आसानी से भ्रष्ट अधिकारियों को खरीद सकते हैं और उनके माध्यम से पकिस्तान के परमाणु हथियारों तक आसानी से अपनी पहुँच बना सकते हैं | 

इस सम्पूर्ण कथानक को दूर की कौड़ी मानना शायद स्थिति की भयावहता को कम करके आंकना होगा | आखिर एक वर्ष पूर्व के इस्लामिक स्टेट की तुलना में आज उसकी शक्ति कई गुना बढी है | यही कारण है कि पश्चिमी खुफिया एजेंसियां सतर्क व भयभीत हैं । 

मान भी लिया जाए कि यह संभव नहीं होगा तो भी विस्फोट कर जनहानि करने के लिए कुछ हजार टन अमोनियम नाइट्रेट प्राप्त करना उनके लिए क्या कठिन होगा ? अमरीका पर इस बार हुआ हमला पिछली बार हुए हमले की तुलना में कहीं अधिक भयावह होगा | 

पिछले साल सितंबर में, गृह सचिव थेरेसा मे ने चेतावनी दी थी कि उग्रवादी समूह आईएसआईएस दुनिया का पहला सही मायने में आतंकवादी राज्य बन सकता है । हम संकट को सामने देख रहे हैं, बस भगवान का शुक्र है कि अभी तक यह हुआ नहीं है | लेकिन हम अनुभव कर रहे हैं कि आतंकवादी हम पर आक्रमण करने के लिए रासायनिक, जैविक या यहां तक ​​कि परमाणु हथियारों को भी प्राप्त कर सकते हैं । 

यह चिंता क्या केवल अमरीका की है ?
क्या संकट के बादल भारत पर नहीं मंडरा रहे ?
आईएसआईएस के लिए आसान टार्गेट कौन है ?
भारत या कि अमरीका ?
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