क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेत में से तेल निकालना जानते हैं ?


नरेंद्र मोदी ने जब कहा कि वे पत्थर पर लकीर खीचना जानते हैं, तब कई लोगों को लगा था कि शायद यह बयान अतिशयोक्ति पूर्ण है | किन्तु जब उनकी चीन यात्रा के दौरान चीनी उद्योगपतियों ने भारत में 22 अरब डॉलर निवेश किये जाने के करार पर हस्ताक्षर किये तो लगा कि वे पत्थर पर लकीर खीचना ही नहीं जानते वरन रेत में से तेल निकालना भी जानते हैं | 

अपनी एक्ट एशिया नीति के अंतर्गत चीन के बाद मंगोलिया और फिर जब वे दक्षिण कोरिया पहुंचे तो मोदी मोदी का निनाद फिर गूँज उठा | इतना ही नहीं तो दक्षिण कोरिया ने सोमवार को प्रधानमंत्री की निवेश संबंधी चिंताओं को दूर करने की स्वत: ही पहल कर दी। भारत में आधारभूत ढांचे, स्मार्ट सिटी के विकास, ऊर्जा और रेलवे के लिए दस अरब डॉलर (करीब 630 अरब रुपये) देने की मंजूरी दी। इसके साथ ही, दोनों देशों ने विशेष रणनीतिक साझेदारी पर बल दिया।

तीन देशों की यात्रा के आखिरी चरण में मोदी ने सोमवार को दक्षिण कोरिया की दो दिवसीय यात्रा में निवेशकों को लुभाने के अभियान में कामयाबी पाई। दक्षिण कोरिया के रणनीति व वित्त तथा एक्सपोर्ट इंपोर्ट बैंक ऑफ कोरिया ने भारत में स्मार्ट सिटी, रेलवे, बिजली व अन्य क्षेत्रों में 630 अरब रुपये के निवेश की घोषणा की। इसमें आर्थिक विकास सहयोग फंड से एक अरब डॉलर व बुनियादी ढांचे के विकास की परियोजनाओं के लिए 9 अरब डॉलर का निवेश होगा।

सात समझौतों पर दस्तखत :-दोहरा कराधान व आयकर चोरी रोकना।-विशेष सामरिक साझेदारी का दर्जा बढ़ाना।-जहाजों के निर्माण के लिए संयुक्त कार्यदल।-एलएनजी टैंकरों का निर्माण व खरीद। भारत को दक्षिण कोरिया से नौ टैंकर मिलने की उम्मीद है। -व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते की समीक्षा।-फिल्म, एनीमेशन व ब्रॉडकॉस्टिंग में ऑडियो-विजुअल सह उत्पादन।

एनएसजी सदस्यता पर भारत को समर्थन : 
दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति पार्क ने भारत को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी), प्रक्षेपास्त्र तकनीक नियंत्रण रिजीम, आस्ट्रेलिया समूह और वासेनार व्यवस्था के तहत भारत की सदस्यता की दावेदारी पर सहमति जताई है। इन चारों बहुआयामी निर्यात नियंत्रण प्राधिकारों में भारतीय सदस्यता की दावेदारी अब और मजबूत हो गई है। वैश्विक परमाणु अप्रसार के उद्देश्य को पूरा करने के लिए दोनों देशों ने इन चारों अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के लिए भारत की सदस्यता को समर्थन देने का वादा किया। 

बढ़ेगी विशेष सामरिक साझेदारी :
-दोनों देश सालाना शिखर वार्ता करेंगे।-इसमें विदेश व रक्षा मंत्री शामिल होंगे।-सशस्त्र सेनाओं के बीच सहयोग बढ़ेगा।-सुरक्षा परिषदों के बीच नियमित परामर्श।-सुरक्षा, रक्षा साइबर क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगा।

कोरियाई प्रगति से एशियाई युग सशक्त : मोदी 
भारत में कोरियाई निवेश बढ़ाने के लिए कोरिया प्लस एजेंसी भी बनाई जाएगी। दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क ग्वेन हे ने द्विपक्षीय संबंधों पर प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत की। संयुक्त प्रेस वार्ता में दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति पार्क की मौजूदगी में मोदी ने कहा कि दक्षिण कोरिया की त्वरित प्रगति ने एशियाई युग को और सशक्त बना दिया है। जापान के बाद दक्षिण कोरिया ऐसा देश है, जिससे सीधे भारत के राजनयिक व सुरक्षा संबंध होंगे। वहीं, राष्ट्रपति पार्क ने कहा कि दोनों देश व्यापारिक माहौल बेहतर बनाने को प्रतिबद्ध हैं। 

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