गंगा का प्रवाह रहे अविरल, उस पर न बने कोई बाँध - विश्व हिन्दू परिषद्


सोमवार को हरिद्वार में विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) का दो दिवसीय सम्मेलन प्रारम्भ हुआ | इस अवसर पर जूना अखाड़े के स्वामी अवधेशानंद गिरि जी ने सरकार द्वारा चलाये जा रहे “नमामि गंगे” प्रोजेक्ट की तो भूरि भूरि प्रशंसा की, किन्तु साथ ही सुझाव भी दिया कि गंगा का प्रवाह मुक्त होना चाहिए | स्वामी दयानंद दास ने गंगा में राफ्टिंग पर प्रतिबन्ध की मांग की | आम तौर पर संतों का मानना था कि यमुना जैसी नदियों पर बाँध बनने से भी गंगा का प्रवाह प्रभावित होता है, अतः जो नदियाँ गंगा में मिलती हैं, उन पर भी बाँध न बनाए जाएँ | 

लगभग 110 संतों ने विश्व हिन्दू परिषद् की भावी कार्ययोजनाओं पर चर्चा की | इस अवसर पर सर्वसम्मति से “गंगा रक्षा” व “गौ रक्षा” को लेकर दो प्रस्ताव भी पारित हुए | विहिप द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी देते हुए कहा गया है कि केवल श्वेत क्रान्ति के द्वारा ही किसानों व ग्रामीण भारत को बचाया जा सकता है | प्रस्ताव में राजग सरकार से गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए एक कानून बनाने की मांग भी की गई है, और साथ ही गंगा के निर्बाध प्रवाह को सुनिश्चित करने के क्रम में गंगा पर कोई बांध की योजना न बनाने के लिए कहा गया है ।

सम्मेलन के दौरान स्वामी सत्यमित्रानंद जी का मानना था कि हनुमान चालीसा व सुन्दरकाण्ड का पाठ बलात्कार की घटनाओं को कम करने में मदद कर सकता है । जैसे जैसे समाज में ईश्वर भक्ति बढ़ेगी, नैतिक मूल्यों में क्षरण भी कम होगा |

इस अवसर पर विहिप नेता प्रवीण तोगड़िया ने भी भाजपा सरकार से भारत में गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक कानून बनाने का आग्रह किया । उन्होंने हिन्दुओं से आग्रह किया कि गायों के लिए हर रोज एक रोटी रखना चाहिए। भारतीय नस्लों की गायों की संख्या में गिरावट पर भी श्री तोगड़िया ने चिंता व्यक्त की | उनका कहना था कि गाय के गोबर और गौमूत्र के उपयोग को समझना चाहिए ।

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