नकली नोटों से अर्थ व्यवस्था को बचाने 100 रुपये के नोट में परिवर्तन |



नकली नोट लम्बे समय से भारतीय अर्थ व्यवस्था के लिए चुनौती बने हुए है | समय समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा इसका मुकाबला करने के लिए नोटों की बनावट में परिवर्तन किया जाता रहता है | एक बार फिर गुरुवार को भारतीय रिजर्व बैंक ने 100 रुपये के नोट में एक बदलाव किये जाने की घोषणा की है । 

जी हां, रिजर्व बैंक की अधिसूचना के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक महात्मा गांधी श्रृंखला -2005 के 100 रुपए मूल्य के नोटों को एक नए नंबरिंग पैटर्न के साथ जारी कर रही है।

इसमें नया क्या है: 

रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर जारी अधिसूचना के अनुसार इसमें बाएं से दाएं पहले तीन अक्षरों का आकार तो स्थिर रहेगा, जबकि इनके बाद के अंक क्रमशः बड़े होते जायेंगे | उदाहरण के लिए अगर नोट का नंबर XYZ12345 है तो XYZ का आकार तो एक समान रहेगा, किन्तु उसके बाद 1 छोटा, 2 उससे बड़ा, 3 और बड़ा, 4 उससे भी बड़ा और 5 सबसे बड़े आकार में रहेगा | 

आम जनता इसे आसानी से इसे समझ सकेगी तथा इस प्रकार नकली और असली करेंसी में भेद भी कर सकेगी और इस प्रकार जालसाजों द्वारा अब तक डंप किये गए नकली नोट बेकार हो जायेंगे और भारतीय मुद्रा की सुरक्षा में वृद्धि होगी।

इसके अतिरिक्त और कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है | नोट का शेष डिजाईन पूर्ववत ही रहेगा । नंबर के पीछे इनसेट अक्षर 'R’ होगा, छपाई के वर्ष 2015 के साथ-साथ रिजर्व बैंक के गवर्नर, रघुराम राजन का हस्ताक्षर रहेगा ।

ध्यान रखें: 

हालांकि नया आ गया है इसका मतलब यह नहीं है कि पुराना अब नहीं चलेगा । जब तक बेंकों द्वारा पुराने सारे नोट बदल नहीं दिए जाते, तब तक 100 रुपये के पुराने नोट भी चलते रहेंगे | अच्छा यह होगा कि अपने पुराने नोटों को जल्द से जल्द बेंकों में जमा करवा कर नई श्रंखला के नोटों का प्रचलन बढाया जाए | 

यदि यह काम शीघ्रता से हुआ, तब तो इन परिवर्तनों का कोई अर्थ है, अन्यथा तो जालसाज और सरकार – तू डाल डाल – मैं पात पात | यह खेल अंतहीन ही रहेगा |
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