यूरोप में भी लव जिहाद !

Wider Image: Kurdish Women Battle Islamic State



जब तीन ब्रिटिश स्कूली छात्राओं ने सीरियाई सीमा पार की, तब उन्हें नहीं पता था कि वे एक ऐसी जगह जा रही हैं, जहाँ से कभी वापस नहीं आ सकेंगी | 

यूरोपीय सरकारों के आंकड़ों के मुताबिक़ सीरिया में चरमपंथियों के साथ शामिल गोरे पश्चिमी लड़ाकों की संख्या लगभग 30 प्रतिशत है | स्वाभाविक ही इन लोगों को पत्नियों की तलाश भी रहती है | और इसमें उनकी मदद करता है सोशल मीडिया | इस आभासी दुनिया का स्वप्नलोक बहुत सी लड़कियों को बहुत रोमांटिक और रोमांचक लगता है । लेकिन जो लड़की एक बार जिहादियों के चंगुल में पहुँच जाती है, फिर उसे ज्ञात होता है कि उसका जीवन नर्क बन चुका है | शोधकर्ताओं द्वारा प्रकाशित सामग्री के अनुसार उन्हें इस्लामी राज्य के निर्देशों के अनुसार पूरी तरह परदे में रहना होता है, किसी पुरुष की निगरानी में ही वे बाहर निकल पाती हैं | अन्यथा वे कठोर दण्ड की भागी होती हैं । और सबसे बड़ी बात कि अगर वे किसी प्रकार उस जंजाल से निकल कर भागती भी हैं तो उनका अपना समाज भी उनके साथ किसी प्रकार की सहानुभूति दर्शाने के स्थान पर, उन्हें संदेह की नजर से ही देखता है, उनका अपना परिवार भी उनकी मदद से हाथ खींच लेता है | उनका जीवन पूर्णतः नरक बन जाता है |

इन महिलाओं को बरगलाने वाले जिहादी के वादे पूरी तरह खोखले होते हैं, जिनका मानना होता है कि युद्ध और प्रेम में सब जायज है | और जब प्रेम का दिखावा भी युद्ध की रणनीति का अंग हो, तब तो कहना ही क्या है | टीन एजर लड़की अपने जिस फेसबुक मित्र के प्रेम में दीवानी होकर घर छोड़ती है, सीरिया पहुँचती है, वहां जाकर उसे मालूम पड़ता है, कि वह तो है ही नहीं | उसके स्थान पर कोई मौलवी उसे इस्लाम में कन्वर्ट कर, किसी अनजान जिहादी के हाथों में सोंप देता है | 

एक डच किशोरी स्तेर्लिना पेतालो की कहानी कुछ ऐसी ही है | उसे इस्लाम में परिवर्तित कर नया नाम आयशा दिया गया | उसने एक डच जिहादी सेनानी से शादी करने के लिए 2014 में सीरिया की यात्रा की | जल्द ही उसे वस्तुस्थिति समझ में आ गई और वह वहां से बच कर भागी | तुर्की की सीमा पर पहुँच कर उसकी माँ उसे नीदरलैंड्स वापस ले आई, किन्तु पुलिस ने उसे आतंकवादी संगठन में शामिल होने के संदेह में गिरफ्तार कर लिया । वकीलों ने उसकी ओर से केस लड़ने से भी मना कर दिया | 

ऐसी ही एक लड़की जो एक बच्चे की माँ बनने के बाद वापस आई उसे ब्रिटेन में हिरासत में लिया गया और अब वह महज जमानत पर मुक्त है, उस पर चल रहे केस का निर्णय आना अभी वाकी है | 

सीरिया में महिलाओं को लाने का नेटवर्क तेजी से काम कर रहा है | यूरोपीय लड़कियों उनके लिए विशेष रूप से बेशकीमती हैं । प्रत्येक नया फेसबुक पोस्ट, प्रत्येक नए चियरलीडिंग ट्विटर खाते उनके प्रयासों को मदद करता है। एक 14 वर्षीय लड़की अमेलिया का जनवरी 2014 में एक फ्रांसीसी लड़ाकू से फेसबुक पर संपर्क हुआ | लड़ाके ने अपना नाम टोनी टोक्सिको बताया | जल्द ही अमेलिया उसके झांसे में आ गई और उस आदमी से शादी करने के लिए ल्योन हवाई अड्डे पहुँच गई | किन्तु वहां उसे सीमा पुलिस द्वारा वापस कर दिया गया | लेकिन फेसबुक पर उसका संपर्क टोनी टोक्सिको से कायम रहा और अमेलिया इस बार बेल्जियम पहुँच गई जहाँ एक इमाम ने एक धार्मिक समारोह में उसकी शादी एक अल्जीरियाई जिहादी से करवा दी गई | वह जिहादी अमेलिया से आयु में दुगना था | गर्भवती होने के बाद किसी प्रकार वह वहां से बापस आ सकी | 

एक फ्रांसीसी विचारक Sebastien Pietrasanta का कहना है कि इन परिवारों के लिए इंटरनेट एक अभिशाप सिद्ध हो रहा है | युवा लोगों को कट्टरपंथीयों के चंगुल में फंसने से कैसे बचाया जाए यह एक बहुत बड़ी चुनौती है | एक 14 वर्ष की लड़की का इन बर्बर लोगों के चंगुल में फंसना इस बात का स्पष्ट प्रमाण है ।

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