सम्पूर्ण विश्व में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद पश्चिम बंगाल में अपह्रत हिंदू लड़की टुकटुकी बरामद |




नई दिल्ली | अंततः पश्चिम बंगाल में अपह्रत हिंदू लड़की टुकटुकी को पुलिस ने अपहर्ताओं के चंगुल से वापस पाने में सफलता प्राप्त कर ली है | लेकिन अपहरणकर्ता मुहम्मद बाबूसोना गाजी अब भी फरार है! 

75 दिन पूर्व 10 वीं कक्षा की छात्रा नाबालिग टुकटुकी मंडल का एक मुस्लिम अपराधी बाबूसोना गाजी ने अपहरण कर लिया था | उक्त गुंडे के तृणमूल कांग्रेस से संबंधों के समाचार ने आग में घी का काम किया | 

स्मरणीय है कि राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती ललिता कुमारमंगलम ने भी कोलकता में टुकटुकी मंडल के मातापिता से भेंट कर राज्य प्रशासन और पुलिस को कड़ा सन्देश दिया था | मग्राहाट में भी 125 घंटे से भाजपा का धरना जारी था | 

कलकत्ता उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता द्वारा दिए गए कड़े निर्देशों ने भी अत्याचार और निर्दयता की शिकार इस अभागी वालिका को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई | भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने भी वालिका के बचाव कार्य में तेजी लाने व तथ्यान्वेषण के लिए एक उच्च स्तरीय जांच दल मग्रहांट भेजा था | 

विदेशों में भी बंगाल में हिंदू लड़कियों के इस्लामी उत्पीड़न का पर्दाफाश करने व उन्हें बचाने के लिए के लिए " टुकटुकी बचाओ आंदोलन" चला | इन सभी सामूहिक प्रयत्नों से आखिरकार टुकटुकी बचाई जा सकी । 

लम्बे समय से हिन्दू बालिकाओं का अपहरण पश्चिम बंगाल में जारी था | क़ानून का कोई खौफ अपराधियों के दिल में नहीं बचा था | ऐसे में हिन्दू समाहिती, व भाजपा द्वारा की गई जन जागृति के कारण टुकटुकी मंडल बचाई जा सकी | 

समाज जागरण द्वारा ही आतंकी घटनाओं व इस प्रकार के अपहरणों पर रोक लग सकती है टुकटुकी मंडल को लेकर भाजपा द्वारा चलाये गए “करो या मरो” अभियान ने राज्य में भाजपा की गतिविधियों को भी एक नया स्वरुप दिया है | 

अब सोशल मीडिया पर हेश टेग #ArrestBabusonaGazi के नाम से नई मुहिम प्रारम्भ हुई है’ जिसके माध्यम से अपहरण के अपराधी बाबूसोना गाजी की गिरफ्तारी की मांग की जा रही है | 

इस के पूर्व सम्पूर्ण विश्व में #SaveTuktuki, #RescueTuktuki और # RescueTuktuki4mGazi अभियान भी चला था । 

वालिका की बरामदगी की इस घटना ने यह भी सिद्ध किया है कि वस्तुतः राजनैतिक दबाबों के कारण पुलिस स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर पाती | सूत्रों के अनुसार पुलिस पहले से सब कुछ जानती थी, किन्तु राजनैतिक दबाब के कारण विवश थी | किन्तु हिंदू संगठनों, केन्द्रीय भाजपा प्रतिनिधिमंडल, प्रदेश भाजपा के प्रदर्शन, केन्द्रीय महिला आयोग की निंदा और कोर्ट आदेश से बने दबाव ने पुलिस को विवश कर दिया कि वह बेचारी टुकटुकी के आत्मसमर्पण की बचकानी कहानी सामने लाये | 
इसलिए जागते रहो, जागते रहो !

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