ll भारत का एक गाँव, जहाँ कलियुग में भी स्थापित है 'रामराज' ll



रामराज की परिकल्पना ऐसी थी कि जहां कोई अपराध ना हो, व्यभिचार ना हो, जहां सब सुखी हों | लेकिन कलियुग में क्या ऐसा संभव है ? जी हां उत्तर प्रदेश में एक ऐसा गांव है जहां 15 वर्षों से कोई अपराध नहीं हुआ है ! गोरखपुर जिले के सहजनवा थाना क्षेत्र स्थित, करीब 1500 की आबादी वाले तख्ता गांव एक ऐसा गांव है, जहां अपराध का 'अ' शब्द भी कोई नहीं जानता है ! इस गाँव के लोगों को भी इस बात पर गर्व है कि उनका गांव अपराध की काली छाया से दूर है !

ऐसा नही है कि उत्तर प्रदेश में अपराध-मुक्त होने का दावा केवल तख्ता गांव के लोग ही कर रहे हैं ! पुलिस के रिकार्ड भी गाँव वासियों के दावों पर मुहर लगाते हैं ! सहजनवा थाने के रिकार्ड में यह गांव डेढ़ दशक से बिल्कुल बेदाग है ! इस गाँव में विगत 15 वर्षो में यहां मारपीट, फौजदारी, चोरी, लूट, अपहरण या हत्या जैसी कोई आपराधिक घटना नहीं हुई है ! 

सहजनवा थाने के कार्यकारी थाना प्रभारी लल्लन सिंह के अनुसार जब तीन साल पहले जब इस थाने में उनकी नियुक्ति हुई तब उन्हें भी इस गांव की इस विशेषता पर बेहद आश्चर्य हुआ था ! गाँव में हत्या या अपहरण जैसे बड़े अपराध तो दूर की बात, छोटी मोटी आपराधिक वारदातें जैसे पर्स चोरी, झपटमारी और चोरी की शिकायत भी वर्षो से नहीं आई है !

पुलिस से पंद्रह साल पहले के किसी बड़े अपराध की जानकारी मांगने पर पुलिस के द्वारा असमर्थता यह कहकर जताई जाती है कि इसके लिए पुराने रिकार्ड खंगालने पड़ेंगे, जिसमें बहुत ज्यादा समय लगेगा ! तख्ता गांव भले ही पंद्रह वर्षो से अपराध-मुक्त रहा हो, लेकिन ऐसा नहीं है कि दूसरे गांवों की तरह किसी बात पर अक्सर छोटा मोटा न विवाद होता है, परन्तु गाँव वासी ऐसे मामलो को थाने न ले जाकर बड़े-बुर्जुगों के पास समस्याओं को रखते हैं ! बड़े-बुजुर्ग जो फैसला करते हैं, दोनों पक्ष उनके फैसले का सम्मान करते है !" बड़े-बुजुर्गो का सम्मान और उनके प्रति विश्वास के कारण आसपास के क्षेत्र में इस गांव को विशिष्ट पहचान मिली है !

गोरखपुर शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित इस गांव की आबादी का 75 प्रतिशत ब्राह्मण निवासरत है ! 25 प्रतिशत में दलित एवं अन्य जातियां भी हैं ! गांव के ज्यादातर लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती हैं एवं इस गाँव के कई लोग शासकीय और निजी क्षेत्र में भी कार्यरत है !

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