रेल यात्रियों को मिलेगा अब सस्ता पानी
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ट्रेन में सफर करने वालों के लिए यह खबर खुशखबरी साबित हो सकती है। ट्रेन से यात्रा करनें वालों के लिए पानी की उपलब्धता एक बहुत बड़ी समस्या है। कई स्टेशनों पर पानी के टैप बंद पड़े हैं तो कई स्टेशनों पर पानी की क्वालिटी काफी खराब है।
लोगों को थक हार कर प्राइवेट कंपनियों की पानी की बोतल और रेल नीर से गुजारा करना पड़ता है। लेकिन स्टेशनों पर यह बोतलें भी काफी महंगी मिलती हैं। इन बोतलों के दामों में भी भारी लूट होती है। कोई बोतल 25 रुपये की है तो कोई 18 रुपये की। यात्रियों को अमूमन हर बोतल में कम से कम 2 रुपये ज्यादा देना पड़ता है। परंतु अब रेल मंत्रालय ने इस समस्या का हल ढूंढ़ लिया है।
रेल मंत्रालय ने देशभर के स्टेशनों में पीने के पानी को कम दामों में सुलभता से उपलब्ध कराने के लिए एक योजना बनाई है। इस योजना के तहत सरकार ने देशभर के 1200 रेलवे स्टेशनों में 5000 पानी की मशीनें लगाई जाएंगी।
लेकिन इस योजना में भी एक बड़ी खामी है, वह यह कि सरकार की यह योजना पानी बेचने वाली कंपनियों जैसे आयोन एक्सचेंज, यूरेका फोर्ब्स और केंट आरओ जैसी कंपनियों के लिए नए अवसर पैदा करने वाली है । प्लेटफॉर्म पर लगी हुई मशीनों से 21 कंपनियां पानी को पेक करके बेचेंगी | बड़े स्टेशनों पर कुल चार मशीनें और छोटे स्टेशनों पर दो मशीनें लगाई जाएंगी।
इन मशीनों पर एक रुपये में पानी का ग्लास, 3 रुपये में आधे लीटर की बोतल और 5 रुपये में फुल साइज एक लीटर की बोतल मिलेगी। यह पानी पूरी तरह से सील पैक होगा। इससे यात्रियों के पानी पर होने वाले खर्च में भारी कटौती आएगी। इस योजना के तहत 21 वेंडरों का पैनल तैयार किया गया है।
क्या यह अधिक अच्छा नहीं होता कि इन मशीनों के रखरखाव की समुचित व्यवस्था भर का ठेका कंपनियों को दिया जाता और रेल यात्रियों को निशुल्क अपनी बोतल में पानी ले जाने की सुविधा होती ? इससे जहां प्लास्टिक का उपयोग कम करने में मदद मिलती, वहीं निर्धन रेल यात्रियों की दुआ भी मिलती |
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