कश्मीर घाटी में विस्थापित पंडितों की वापिसी सुनिश्चित करने की नई कार्ययोजना |
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नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों की वापसी और पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए एक दीर्घकालिक योजना तैयार की है, जिसके अंतर्गत 3,000 सरकारी नौकरियों के साथ साथ प्रभावितों को यातायात सुविधा के साथ दो तीन नए कस्बों में 6,000 नए फ्लैट्स प्रदान किये जायेंगे ।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार मंत्रालय ने योजना के संबंध में एक कैबिनेट नोट आगे बढाया है, जिसमें 2,000 करोड़ रुपये की राशि प्रस्तावित की गई है | "सरकार का मानना है कि यदि सरकारी नौकरियों की पेशकश की जायेगी तो कश्मीरी पंडित घाटी में वापस लौटने को तैयार हो जायेंगे । घाटी में अभी बडगाम के शेखपुरा में 200 फ्लैटों का एक छोटा सा ट्रांजिट आवास है। इसी प्रकार अब योजना है कि पंडितों की घाटी में वापसी सुनिश्चित करने के लिए ट्रांजिट आवास के रूप में 6,000 फ्लैटों का निर्माण किया जाए" ।
अधिकारी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने पहले ही प्रस्तावित फ्लैटों के लिए भूमि उपलब्ध कराने का वादा किया है, । इसके अलावा घाटी में लौटने वाले कश्मीरी पंडितों को 3,000 नई सरकारी नौकरियों की पेशकश की जाएगी । ये नौकरियों व भवन उन 3,000 छोटे मोटे कामों व भवनों के अतिरिक्त होंगी, जिन्हें तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने 2004 में अपने 1618 करोड़रुपये के पॅकेज में घोषित किया था | उस समय 5242 दो कमरों के आवास जम्मू में निर्माण कर विस्थापित पंडितों को आवंटित किये गए थे ।
गृह मंत्रालय इस समय श्रीनगर और अनंतनाग के पास दो-तीन समग्र टाउनशिप में 2,500 पंडित परिवारों के स्थायी पुनर्वास की दूसरे चरण की योजना पर काम कर रहा है।
Originally published in The Economic Times
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