दो समाचार – दो विचार

मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव को हटाए जाने की अटकलों के बीच केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की। यूं तो अधिकारियों के अनुसार यह बैठक पूर्व निर्धारित थी, किन्तु यह मुलाकात सुप्रीम कोर्ट द्वारा वन रक्षा भर्ती घोटाला मामले में राज्यपाल राम नरेश यादव को नोटिस जारी किए जाने के बाद हुई है इस कारण माना जा रहा है कि बैठक का अहम बिंदु यही रहा होगा |

यादव के बेटे शैलेश यादव का शव इसी साल मार्च महीने में रहस्यमय परिस्थितियों में लखनऊ स्थित उनके पिता के आवास में पाया गया था। शैलेश मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल ( व्यापमं) घोटाले के एक आरोपी थे। इस घोटाले से जुड़े 40 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और मजा यह कि कांग्रेस सभी मौतों को हत्या बताने पर तुली है | भले ही कोई सामान्य मौत मरे या बदनामी के भय से आत्महत्या करे, किन्तु अविश्वास और भ्रम के इस माहौल में सभी मौतों को ह्त्या करार दिया जा रहा है |

एक और प्रश्न इस दौरान जन-मन को मथ रहा है, और वह यह कि शिवराज-वसुंधरा और सुषमा स्‍वराज तीनों ने कभी पूरे मन से मोदी जी को नेता नहीं माना | महत्वपूर्ण यह कि तीनों के बचाए रखने वाले भी मोदी ही हैं | क्या यह ईश्वरीय न्याय है ? क्या देश अब निष्कंटक मोदी राज की ओर बढ़ रहा है ?

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि अगर आगामी विधानसभा चुनाव में जनता ने उन्हें दोबारा सत्ता दिलाई तो पूरे राज्य में शराब पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। 

शराब पर लगी एक्साइज ड्यूटी से राज्य सरकार के खजाने में 2500 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा होती है, उसका मोह त्यागकर शराब के बढ़ते दुष्प्रभाव पर रोक लगाने की हिम्मत जुटाना सच में एक बड़ी बात है । राज्य में अनेक महिला संगठनों ने शराब की खरीद-बिक्री पर रोक लगाने की मांग की थी । 

सवाल उठ रहा है कि जन तंत्र में शराबी भी वोट डालते हैं, इस घोषणा के बाद क्या वे नीतीश जी को वोट देंगे ? वोट की राजनीति से परे जाकर समाज सुधार की हिम्मत जुटाने वाले नीतीश जी को सलाम | काश सभी राजनैतिक दल उनसे प्रेरणा ले पायें |

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