पश्चिम बंगाल में हिन्दू लड़ रहे हैं अस्मिता की लड़ाई |


Pratap Hazra


7 जुलाई 2015 को प्रतिबद्ध हिंदू कार्यकर्ता और भवानी सेना के नेता श्री प्रताप हाजरा को डीएसपी फाल्टा द्वारा डायमंड हार्बर रेलवे स्टेशन रोड से गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्हें उस्थी दंगा मामले में अभियुक्त बनाया जाकर मुकदमा संख्या 65/2015 (उस्थी दंगा) के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया । उन्हें ACJM डायमंड हार्बर अपराध न्यायालय में पेश किया गया, तथा 6 दिनों के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया । मामले की अगली तारीख 13/07/2015 तय की गई ।
6 दिनों के पुलिस रिमांड पूरी होने के बाद श्री प्रताप हजारा को पुनः डीएच ACJM कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस हिरासत में उनसे डीएसपी फाल्टा द्वारा पूछताछ की गई थी। न्यायालय के सम्मुख पुलिस द्वारा प्रस्तुत अग्रेषण में उनसे कोई बरामदगी नहीं दर्शाई गई और न ही उनका किसी घटना में शामिल होना बताया गया | केवल सांप्रदायिक तनाव व शांति भंग की आशंका पुलिस रिपोर्ट में बताई गई ।
अभिभाषक श्री अमिताभ सिकदर और श्री शंकर मन्ना ने जमानत याचिका दायर कर उन्हें मुक्त किये जाने की वकालत की। किन्तु माननीय ACJM ने उन्हें 14 दिनों न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया तथा मुकदमे की अगली तारीख 27 जुलाई 2015 तय की।
इस अवसर पर श्री हाजरा को देखने के लिए उस्थी के आसपास के ग्रामीण व सामाजिक कार्यकर्ताओं की कोर्ट में भारी भीड़ जमा हो गई थी । इनमें भवानी सेना, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा नेता भी शामिल थे ।
दक्षिण 24 परगना (पूर्व) जिला भाजपा और भाजपा युवा मोर्चा के नेताओं ने प्रताप हाजरा की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए इसे पूर्व नियोजित षडयंत्र करार दिया है | उन्होंने इसे महज वोट बैंक की राजनीति बताया तथा कहा कि निर्दोष श्री हाजरा की गिरफ्तारी केवल मुसलमानों को खुश करने के लिए की गई है । जबकि उस्थी दंगे में हिन्दू ही प्रताड़ित हुए थे |


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