क्या एलियंस दुनिया पर हमला कर मानवता को नष्ट कर सकते हैं ?


Stephen Hawking (shown here in 2008) has been vocal about fears that an advanced alien civilization might wipe out humanity.

इस हफ्ते, प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग की एक चेतावनी ने दुनिया का ध्यान आकृष्ट किया | उनका आग्रह था कि ब्रह्मांड में बुद्धिमान एलियन की खोज के प्रयास नए सिरे से प्रारम्भ की जाना चाहिए, क्योंकि अगर ऐसे जीव हैं तो संभव है वे मानवता को नष्ट करने की कोशिश करें ।

2010 के बाद से ही हॉकिंग अपने भय को सार्वजनिक करते हुए कहते रहे हैं कि अगर कोई उन्नत एलियन प्रजाति ब्रह्माण्ड में है तो वह मानव जाति को उसी प्रकार नष्ट कर सकती है, जैसे मानव चींटियों के बिलों का सफाया कर देता है । मीडिया के सम्मुख अपनी इस नई परियोजना की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि मानव संस्कृतियों का रक्तरंजित इतिहास तकनीकी रूप से कम उन्नत प्रजातियों को समूल नष्ट करने का रहा है, आप एलियन सभ्यता से कुछ और उम्मीद कैसे कर सकते हैं ? 

अपने इस भय के कारण हॉकिंग ने इच्छा जताई है कि अगर ब्रह्मांड में कहीं बुद्धिमान जीवन है तो उसकी खोज की जाए । 20 जुलाई को उन्होंने अपने इस अभियान कि “ब्रेक थ्रू लिसिन” नाम दिया है | ब्रह्मांड में बुद्धिमान जीवन के संकेत खोजने का यह अब तक का सबसे बड़ा अभियान होगा [13 Ways to Hunt Intelligent Alien Life]

लंदन की रॉयल सोसायटी में मीडिया से बात करते हुए हॉकिंग ने कहा कि "मैं आज यहाँ इसलिए आया हूँ, क्योंकि मेरा मानना है कि पृथ्वी से परे जीवन की खोज के लिए निर्णायक पहल अत्यंत हूँ महत्वपूर्ण हैं | हमें यह भली प्रकार से समझ लेना चाहिए कि हम जीवित इसलिए हैं, क्योंकि हम बुद्धिमान हैं।"

यह नया “ब्रेक थ्रू लिसिन” अभियान केवल बुद्धिमान जीवन के संकेत खोजने की निर्णायक पहल है, इसके माध्यम से प्रथ्वी से कोई संकेत प्रसारित नहीं होंगे | हॉकिंग के अलावा अन्य वैज्ञानिकों ने भी चिंता व्यक्त की है कि पृथ्वी से प्रसारित संकेत एलियन सभ्यताओं का ध्यान आकृष्ट कर सकते हैं । 

वर्तमान में वैज्ञानिकों के पास इस बात का कोई जबाब नहीं है कि एलियन की जीवन पद्धति या रूप कैसा हो सकता है या वे मानव सभ्यता से संपर्क करने के इच्छुक हैं अथवा नहीं ।
हॉकिंग ने 2010 में डिस्कवरी चैनल पर प्रसारित "स्टीफन हॉकिंग के साथ ब्रह्मांड में” नामक एक टीवी शो में कहा था कि "इस तरह के उन्नत एलियंस खानाबदोश की तरह जिस ग्रह पर पहुंचेगे, उसे जीतकर वहां अपनी कॉलोनी बनाने का प्रयत्न कर सकते हैं । हो सकता है वे वहां से अंतरिक्ष यान के निर्माण की सामग्री लेकर आगे बढ़ जाए, या यहाँ बस जाएँ, किसे पता है?"

हॉकिंग ने कहा कि हम एलियंस के बारे में ज्यादा नहीं जानते, लेकिन हम इंसानों के बारे में जानते है । आप मनुष्य के इतिहास पर नजर डालें तो पायेंगे कि मनुष्य ने अपने से कम बुद्धिमान जीवों का विनाश ही किया है | हमने आदिम बनाम उन्नत प्रौद्योगिकियों के बीच सतत संघर्ष ही देखा है । ऐसी सभ्यतायें हमसे अरबों वर्ष आगे हो सकती हैं ।, संभव है कि वे इतनी अधिक शक्तिशाली हों कि हम उनके सामने बैक्टीरिया के समान हों । "

जहां खगोलविद मार्टिन रीस, एन द्रुयान जैसे वैज्ञानिकों ने हॉकिंग की आशंका का समर्थन किया है, वहीं SETI (Search for Extraterrestrial Intelligence) की पूर्व निदेशक जिल टार्टर का मत हॉकिंग के विपरीत है। उन्होंने 2012 में कहा था कि "यदि एलियंस यहाँ आते हैं तो ब्रह्माण्ड की आयु को देखते हुए यह पहली अलौकिक मुठभेड़ नहीं होगी। इसका यह अर्थ भी नहीं है कि वे केवल पृथ्वी का शोषण करने आये हैं | यदि एलियंस पृथ्वी की यात्रा करने जैसी परिष्कृत तकनीकी क्षमताओं से युक्त हैं तो उन्हें गुलाम या भोजन या अन्य ग्रहों की क्या आवश्यकता ? |"

जो भी हो नया ब्रेक थ्रू लिसिन परियोजना आगामी 10 वर्ष के लिए प्रस्तावित है तथा रेडियो फ्रीक्वेंसी और लेजर प्रसारण दोनों में अप्राकृतिक रूप से उत्पन्न संचार के संकेत की खोज इसका उद्देश्य रहेगा । प्रारम्भ पृथ्वी के सबसे नजदीक स्थित 1 लाख सितारों वाली आकाशगंगा से आने वाले संकेतों की सूक्ष्म जांच से होगा, उसके बाद अन्य 100 निकटतम आकाशगंगाओं पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा ।

अब सवाल उठता है कि दुनिया स्टीफन हॉकिंग की चेतावनी को इतनी गंभीरता से क्यूं सुन रही है ? तो आईये स्टीफन हॉकिंग के व्यक्तित्व और कृतित्व पर एक नजर डालते हैं –

स्टीफन विलियम हॉकिंग का जन्म गैलीलियो की मृत्यु के 300 वर्षों बाद हुआ | 8 जनवरी 1942 को ऑक्सफोर्ड, इंग्लैंड में जन्मे हॉकिंग अपने कालेज जीवन में पढ़ना तो गणित चाहते थे, किन्तु उस समय वह विषय ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में उपलब्ध न होने के कारण उन्होंने भौतिक शास्त्र को चुना और उन्होंने अपनी डिग्री प्राकृतिक विज्ञान में प्रथम श्रेणी से प्राप्त की ।

उसके बाव वे ब्रह्मांड विज्ञान में अनुसंधान करने के लिए कैम्ब्रिज चले गये, क्योंकि उस समय ऑक्सफोर्ड में उस क्षेत्र में कोई काम नहीं कर रहा था । कैम्ब्रिज से पीएच.डी. प्राप्त करने के बाद प्रारम्भ में वे एक रिसर्च फेलो और बाद में गोन्विल्ले व कैउस कॉलेज में प्रोफेसनल फेलो बन गये। 1973 में इंस्टिट्यूट ऑफ़ एस्ट्रोनॉमी छोड़ने के बाद 1979 में अनुप्रयुक्त गणित और सैद्धांतिक भौतिकी विभाग में आये, और 2009 तक गणित के ल्युकेसियन प्रोफेसर रहे | 

स्टीफन हॉकिंग ने ब्रह्मांड को नियंत्रित करने वाले बुनियादी सिद्धांतों पर काम किया । रोजर पेनरोस के साथ उन्होंने प्रदर्शित किया कि आइंस्टीन का सापेक्षता का सिद्धांत स्पेस और टाइम में भी प्रयुक्त होती है | यह बिग बैंग से शुरु होकर ब्लैक होल में समाप्त होती है। इन परिणामों ने इस बात की आवश्यकता प्रतिपादित की कि, सामान्य सापेक्षता को क्वांटम थ्योरी के साथ समन्वित किया जाए | यह 20 वीं सदी की प्रारम्भ में हुआ बडा वैज्ञानिक अनुसंधान था । इस तरह के एक एकीकरण का एक नतीजा यह निकला कि उन्होंने खोजा कि ब्लैक होल पूरी तरह काला नहीं होता, वल्कि विकिरण फेंकता है और अंत में क्रमशः लुप्त हो जाता है | दूसरा अनुमान यह है कि ब्रह्मांड में काल्पनिक समय की कोई बढ़त या सीमा नहीं है। इसका अर्थ यह निकलता है कि ब्रह्मांड का प्रारम्भ पूर्णतः विज्ञान के नियमों पर आधरित था ।

स्टीफन हॉकिंग की अनेक लोकप्रिय पुस्तकें प्रकाशित हुईं जिनमें समय ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ़ टाईम, ब्लैक होल्स एंड बेबी, द यूनिवर्स इन ए नटशेल, आदि प्रमुख हैं । प्रोफेसर हॉकिंग के पास बारह मानद उपाधि है। 1982 में उन्हें CBE से सम्मानित किया गया था, और उन्होंने कई पुरस्कार, पदक और पुरस्कार प्राप्त किये हैं | वे रॉयल सोसाइटी के फैलो और विज्ञान विषयक अमेरिका की राष्ट्रीय अकादमी के सदस्य है।

इस सब वर्णन के बाद सबसे प्रमुख बात | 21 वें जन्मदिन के तत्काल बाद ज्ञात हुआ कि स्टीफन को ए एल एस नामक मोटर नयूरोन डिसीज है । उसके कारण वे जीवन भर व्हीलचेयर पर रहने को विवश हैं | इसके बाबजूद स्टीफन हॉकिंग यात्रायें करते हैं और उनके सार्वजनिक व्याख्यान के व्यापक कार्यक्रम होते हैं | पारिवारिक जीवन में उनके तीन बच्चे और तीन पोते है | साथ साथ उनका अनुसंधान कार्य भी जारी रहा |


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