प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त अरब अमीरात यात्रा - सबसे बड़ी उपलब्धी क्या ?


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस संयुक्त अरब अमीरात यात्रा के महत्व को एक विशेष श्रेणी में रखा जा सकता है। दसियों हजार भारतीय संयुक्त अरब अमीरात में रहते हैं और काम करते हैं | वे दुनिया के किसी भी अन्य देश में बसे भारतवंशियों की तुलना में कहीं अधिक धन भारत में भेजकर अर्थ व्यवस्था को समृद्ध करते हैं । शायद इसीलिए अपने सामने उपस्थित इन भारतीयों को देखकर प्रधानमंत्री ने उन्हें 'मिनी भारत' का संबोधन दिया | शायद, अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री को अहसास हुआ होगा कि इन परिश्रमी भारतीयों का शोषण भी हो रहा है । छुट्टी के मौसम में एयर इंडिया सहित अन्य एयरलाइनों द्वारा की जाने वाली अत्यधिक किराया, वृद्धि, अनेक वर्षों से चल रही है | संभवतः प्रधानमंत्री की इस यात्रा से संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले भारतीयों को इस शोषण से मुक्ति मिल सकेगी ?

निश्चित रूप से 34 वर्ष बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच संबंधों को एक नई दिशा देगी । अब तक, संयुक्त अरब अमीरात के साथ भारत के सम्बन्ध केवल वाणिज्यिक मामलों तक ही सीमित थे । किन्तु इस ऐतिहासिक यात्रा से जहाँ एक ओर व्यापार और निवेश का एक नया युग प्रारम्भ होगा, वहीं दूसरी ओर हमारी सीमाओं पर जाल फैला रहे इस्लामी आतंकवाद की बीमारी के खिलाफ रणनीतिक साझेदारी सामरिक और क्षेत्रीय सुरक्षा की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण शुरुआत है ।

भारत की ज्यादातर उम्मीदें अधिक से अधिक निवेश तथा लंबी अवधि तक तेल की आपूर्ति से संबंधित हैं। लेकिन दोनों के द्वारा जारी किए गए संयुक्त बयान में हिंसक आईएस व अल-कायदा के खतरे को लेकर समय समय पर खुफिया सोचानाओं को साझा करने पर जोर दिया जाना तथा भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच एक सुरक्षा साझेदारी विकसित होना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है | क्योंकि आतंकी संगठनों द्वारा लगातार भारत को निशाना बनाये जाने की धमकियां मिलती रहती है | यह समझौता क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण कारक सिद्ध हो सकता है । 

संयुक्त अरब अमीरात भारत के साथ दोस्ती को कितना अधिक महत्व दे रहा है, इसका अभूतपूर्व प्रगटीकरण इस तथ्य से स्पष्ट होता है कि प्रोटोकोल के विपरीत अबू धाबी के राजकुमार शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान अपने पांच भाइयों के साथ प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत को पहुंचे | यदि यह सद्भावना भारत में बसे करोड़ों मुसलमानों व विभिन्न समुदायों के बीच भी विकसित हो सके तो यह इस यात्रा की सबसे बड़ी सौगात होगी और संभवतः इसे मोदी युग में गेम चेंजर के रूप में वर्णित किया जाएगा । 

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