कश्मीरी आतंकवादियों का सर्वाधिक खतरनाक हथियार - सोशल मीडिया ?

Wani: Burhan Wani, the most wanted regional commander of the Hizb-ul-Mujahideen, who is all over the Internet and involved in recruiting young Kashmiris for jihad. (Photo courtsey: Social Media)

हाथ में खतरनाक राईफल लिए जिस आकर्षक नौजवान का फोटो आप ऊपर देखरहे हैं, वह है बुरहान वानी | काश्मीर में आतंकवाद का नया चेहरा, जिसने आतंकवाद को आभासी दुनिया अर्थात सोशल मीडिया पर पहुंचाकर, अत्याधिक खतरनाक बना दिया है | इतना खतरनाक कि सरकार को इसके ऊपर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित करना पड़ा है ।

हिज्बुल मुजाहिदीन का यह शीर्ष कमांडर सोशल मीडिया पर प्रभावशाली अंदाज में अपने हमउम्र नौजवानों को "दिल्ली के लाल किले पर इस्लाम का झंडा" फहराने के लिए प्रेरित करता दिखाई देता है | आतंकवाद को महिमा मंडित करने के लिए वह ऑडियो और विडियो दोनों क्लिपों का उपयोग करता है |

वह युवाओं का आव्हान करता है कि वे इस जिहाद में सम्मिलित हों और बताता है कि उसने स्वयं का जीवन इस कार्य के लिए समर्पित कर दिया है | वह आजकल जिहादी वीडियो का सितारा है। पश्चिमी परिधान पहने, क्लीनसेव यह नौजवान कहीं से भी परंपरागत इस्लाम का प्रतीक नहीं दिखता | लेकिन इसमें आश्चर्य क्या ? पाकिस्तान का संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना भी तो इसी का प्रतिरूप था | 

दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि कश्मीर घाटी के युवा बुरहान वानी से प्रेरित हो रहे हैं । पुलिस के अनुसार वानी के जिहादी प्रचार से प्रभावित होकर दक्षिण कश्मीर से कम से कम 30 जवान लड़के उसके साथ हो चुके हैं । हालांकि उनमें से कुछ मुठभेड़ में मारे गए, फिर भी कई अभी भी सक्रिय हैं ।

"सामाजिक मीडिया, फेसबुक और व्हाट्सएप सबका उपयोग करने वाला यह जिहादी आतंकी अपने पडौस के भले लड़के जैसा दिखता है, इसलिए इसका प्रभाव भी ज्यादा पड़ता है।"

वानी सक्रिय रूप से आतंकवादी हमलों में हिस्सा नहीं लेता, लेकिन कई हमलों के पीछे उसका शातिर दिमाग होता है। वह बहुत बुद्धिमान है और अपनी प्रतिभा से वह अपने संपर्क में आने वालों पर छाप छोड़ता है। इसीलिए वह युवाओं को बरगलाने में माहिर है और बेहद खतरनाक साबित हो सकता है ।

लेकिन जिस हैरत अंगेज बात की ओर मैं पाठकों का ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूँ, वह यह कि आतंकवाद का प्रचार करने वाले वानी के फेसबुक पेज को ब्लॉक करने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस को अदालत से दिशा-निर्देश की मांग करनी पडी है | क्या राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बनने वाले ऐसे प्रकरणों में त्वरित कार्यवाही नहीं होना चाहिए ? क्या ऐसे प्रकरण भी लम्बी कानूनी प्रक्रिया में उलझाए जाना चाहिए ? 


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