शिवपुरी में हुआ "आरक्षण विरोधी मंच" का गठन !

शिवपुरी में वर्तमान आरक्षण स्वरुप को लेकर "आरक्षण विरोधी मंच शिवपुरी" का गठन किया गया ! "आरक्षण विरोधी मंच शिवपुरी" के द्वारा आयोजित बैठक दिनाकं ८ सितम्बर शाम 4 बजे तात्या टोपे प्रांगण में हुई ! जिसमे मंच की आगे की रूपरेखा पर चर्चा हुई ! नवगठित मंच का मानना है कि देश में आरक्षण को पूर्ण रूप से ख़त्म किया जाना चाहिए ! 

आरक्षण के पीछे शब्दजाल जो भी बिछाया गया हो, लेकिन उसके कारण समाज बंट रहा है | अपनी जड़ों से कट रहा है | राजनीति के चतुर खिलाड़ियों ने समाज को बांटने का भी काम किया तो यह कहकर कि समतामूलक समाज बनाना है, इसलिए आरक्षण जरूरी है | आपको स्मरण होगा कि गांधी जी ने अछूतों के लिए शब्द प्रयोग किया, “हरिजन” | अर्थात भगवान विष्णु के लोग | लेकिन अब इसको क्या कहा जाए कि यह शब्द भी उन लोगों को गाली लगने लगा | उन्हें पसंद आया शब्द “दलित” | सीधी सी बात है कि वे अपनी अलग पहचान कायम रखने के लिए ही यह सब कर रहे थे | तो फिर समता मूलक समाज कैसे बनेगा, जिसे बनाने के नाम पर संविधान उन्हें विशेष अधिकार दे रहा है, आरक्षण का प्रावधान कर रहा है | 

एक और बात जो सबसे आपत्तिजनक है वह यह कि दलित समाज में ही एक अलग ही एलिट वर्ग बन गया है | जो वंश परंपरा से आरक्षण का अधिकाँश लाभ डकार रहा है | आरक्षण के जो वास्तविक हकदार हैं, उन तक तो यह लाभ पहुँच ही नहीं पा रहा | जगजीवन राम जैसे लोगों के बेटे, उनके बेटे, बेटों के बेटे इस लाभ के नाम पर ऐश कर रहे हैं | करोड़पति अरब पति बन रहे हैं | जो एक बार आरक्षण का लाभ ले चुका, उसे व उसके परिवार को बार बार यह लाभ क्यों मिलना चाहिए ? जो इनकम टेक्स अदा कर रहा है, वह काहे का दलित ? 

आरक्षण की मांग भी यही वर्ग कर रहा है | जिन लोगों के लिए संविधान में आरक्षण का प्रावधान किया गया था, वे बेचारे तो आज भी बंचित ही हैं | एक और आपत्तिजनक बात यह है कि वहुसंख्यक समाज अपना पेट काटकर अपने हिस्से की रोटी उन्हें दे रहा है, और मजा यह कि आरक्षण का लाभ पाने वालों में कृतज्ञता का कोई भाव नहीं है, वे उसे अपना अधिकार समझ रहे हैं | 

आज सारा देश आरक्षण के मुद्दे पर एकमत है कि यह कलंक अब जल्द से जल्द समाप्त होना चाहिए | समता मूलक समाज तो तभी निर्मित हो सकेगा, जब आरक्षण पूर्णतः समाप्त होगा | अगर अभी से दबाब नहीं बनाया गया तो आरक्षण की वर्तमान अवधी पूर्ण होने बाद एक बार फिर आगामी वर्षों के लिए लागू कर दिया जाएगा | अभी से जागना और समाज को जगाना आवश्यक है |

आज हुई इस बैठक में सुनील के व्यास रायश्री, उपेन्द्र सिंह तोमर (गुरिच्क्षा), राकेश शर्मा (धोवनी), कृष्ण गोपाल शर्मा, चंद्रकांत गौतम (पिपरसमा), अंकुर शर्मा, विवेक तिवारी, दिवाकर शर्मा, गौरव हरितवाल, कुलदीप सिंह राजावत, राहुल कोठारी, अरविन्द समाधिया, मीनेश शर्मा, रामेन्द्र सिंह तोमर, नीरज सिंह तोमर, अजय सेन, आकाश शर्मा, पंडित नितिन शर्मा (युवा प्रदेश अध्यक्ष ब्राह्मण परिषद्), अरुण रघुवंशी, रोहित बंसल, रामवीर सिंह परमार उपस्थित हुए !

मंच की अगली बैठक १३ सितम्बर २०१५ को तात्या टोपे प्रांगण में शाम 5 बजे होगी !

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