और नेपाल जल उठा !

रविवार को नेपाल का नया संविधान तो घोषित हुआ, किन्तु बहुसंख्यक समुदाय के हिंसक विरोध के बीच | भारतीय मूल के हजारों मदेशी लोगों ने नेपाल को धर्मनिरपेक्ष बनाए जाने का विरोध किया | स्मरणीय है कि इसके पूर्व हुए जनमतसंग्रह में नेपाली जनता ने नेपाल को हिन्दूराष्ट्र बनाने के पक्ष में मत दिया था, जैसा कि चीनी प्रभाव में आने के पूर्व नेपाल था भी । पुलिस ने भारतीय सीमा के करीब बीरगंज क्षेत्र में प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई | इसके साथ ही पूरे नेपाल में गुस्से की आग धधक उठी है | लोगों ने अपने घरों पर काले झंडे लगाए हैं और तीन दिवसीय बंद की घोषणा की है | स्थान स्थान पर नए संविधान की प्रतियां जलाई गई हैं |

राष्ट्रपति राम बरन यादव ने औपचारिक रूप से संविधान सभा भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में संविधान को लागू करने की घोषणा की । उन्होंने सांसदों द्वारा डेस्क थपथपा कर किये गए समर्थन के बीच कहा कि मैं इस विशेष अवसर पर सभी नेपाली भाइयों और बहनों को मेरी बधाई और शुभकामनाएं देता हूँ और आशा करता हूँ कि हम द्रुत गति से स्थाई विकास की दिशा में बढ़ेंगे ।

इसके साथ ही 2007 से लागू अंतरिम संविधान समाप्त हो जाएगा और अगले कुछ हफ़्तों में नई सरकार के गठन की भी उम्मीद है।

नये संविधान के अनुसार इस हिमालयी राष्ट्र को सात संघीय प्रांतों में विभाजित किया गया है | तराई क्षेत्र के मदेशी और थारू समुदाय में इस संविधान को लेकर अनेक आशंकाएं हैं तथा उन्हें इस बात पर तीव्र आक्रोश भी है कि जन भावनाओं की अनदेखी कर यह संविधान लागू किया गया है और एक प्रकार से उन लोगों को हाशिये पर डाल दिया गया है । इसी कारण विगत एक माह में हुई झड़पों में 40 से अधिक लोग मारे गए हैं।

एक ओर तो सरकार जश्न मनाने जा रही है औए दूसरी ओर भारत की सीमा से लगे दक्षिणी मैदानी इलाकों के कई क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया । किन्तु हजारों लोग कर्फ्यू का उल्लंघन कर सडकों पर उमड़ पड़े | वीरगंज में पुलिस ने गोलीबारी शुरू कर दी जिसके कारण एक व्यक्ति मारा गया और एक दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए |

भारत ने चिंता जताई 

नया संविधान लागू होने के बाद भारत ने नेपाल के लोगों को शुभकामनाएं दी किन्तु साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में जारी हिंसा पर चिंता भी जताई | नई दिल्ली से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष दूत के रूप में शुक्रवार को विदेश सचिव एस जयशंकर नेपाल पहुंचे तथा सरकार को भारत की चिंता से अवगत कराया ।

काठमांडू में भारतीय दूतावास द्वारा जारी एक बयान में आशा व्यक्त की गई कि "हिंसा और धमकी से मुक्त वातावरण" में विवादित मुद्दों का बातचीत के जरिए हल निकाला जाएगा । बयान में कहा गया है कि "हम भारत की सीमा से लगे नेपाल के कई हिस्सों में स्थिति हिंसक होने को लेकर चिंतित हैं |" 

चीन ने नए संविधान का स्वागत किया है तथा आशा जताई है कि एक 'मित्र पड़ोसी’ के रूप में नेपाल स्थिरता और विकास की दिशा में बढेगा ।

लोकतंत्र, संघवाद, धर्मनिरपेक्षता

1948 के बाद से अब तक नेपाल में छह संविधान और अंतरिम संविधान लागू हो चुके हैं | पहली बार एक संविधान सभा बनाकर इस तरह का एक व्यापक दस्तावेज तैयार किया गया है। यह अलग बात है कि इस नवीनतम प्रक्रिया ने 16,000 से अधिक लोगों की जान ली है | 2008 में हुए गृह युद्ध के बाद जो विधान सभा बनी उसे दलों के बीच मतभेद के कारण 2012 में भंग कर दिया गया। दूसरी विधानसभा 2013 में चुनी गई ।

अप्रैल में आए भूकंप ने 9,000 लोगों की जान ली और एक बार फिर सब साथ आने को विवश हुए, साथ ही संविधान का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया भी आगे बढी | हालांकि मधेश के दलों ने विरोध स्वरुप संविधान सभा का बहिष्कार किया । वर्तमान संविधान में नेपाल में बहुदलीय लोकतंत्र, संघवाद, धर्मनिरपेक्षता, मानवाधिकार, प्रेस और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को स्वीकृति प्रदान की गई है । किन्तु इसके साथ ही बहुमत का निरादर कर घोषित यह संविधान भारतीय हितों की दृष्टि से इस कारण विशेष चिंताजनक है, क्योंकि इसमें चीनी अधिनायकवादी प्रभाव स्पष्ट परिलक्षित होता है | 

यह बात ध्यान देने योग्य है कि संविधान सभा हिन्दुओं से घबराई हुई भी थी | शायद इसीलिए उसने गौवध निषेध को विशेष रूप से संविधान में जोड़ा है | इस नए संविधान में हिन्दुओं की पूजनीय गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया है |

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